रेप के लिए अब 375 या 376 नहीं धारा 63 मर्डर के लिए भी 302 नहीं
रेप के लिए अब 375 या 376 नहीं धारा 63 मर्डर के लिए भी 302 नहीं
New Criminal Law News:भारतीय न्याय संहिता, 2023 में 21 नए अपराधों को जोड़ा गया है. इसमें एक नया अपराध मॉब लिंचिंग का भी है. इसके अलावा 41 विभिन्न अपराधों में सजा बढ़ाई गई है, 82 अपराधों में जुर्माना बढ़ा है, 25 अपराध ऐसे हैं जिनमें न्यूनतम सजा की शुरुआत की गई है.
हाइलाइट्स भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के अंतर्गत 170 धाराएं होंगी. कुल 24 धाराओं में बदलाव किया है. नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 में नौ नए सेक्शन और 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं.
नई दिल्ली. भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम सोमवार से देश में लागू हो गए. गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस बदलाव से एक ऐसी प्रणाली स्थापित होगी जिससे तीन साल में किसी भी पीड़ित को न्याय मिल सकेगा. तीनों कानून संसद ने पिछले साल शीतकालीन सत्र में पारित किए थे. नए कानून देश में ब्रिटिश राज से चले आ रहे इंडियन पीनल कोड (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और एविडेंस एक्ट की जगह आए हैं.
– नए कानून में बलात्कार के लिए धारा 375 और 376 की जगह धारा 63 होगी.
– सामूहिक बलात्कार की धारा 70 होगी.
– हत्या के लिए धारा 302 की जगह धारा 101 होगी.
– लोकसभा ने इन तीनों विधेयकों को 20 दिसंबर और राज्यसभा ने 21 दिसंबर को पारित किया था.
कई अपराधों का जुर्माना बढ़ाया गया
भारतीय न्याय संहिता, 2023 में 21 नए अपराधों को जोड़ा गया है. इसमें एक नया अपराध मॉब लिंचिंग का भी है. इसके अलावा 41 विभिन्न अपराधों में सजा बढ़ाई गई है, 82 अपराधों में जुर्माना बढ़ा है, 25 अपराध ऐसे हैं जिनमें न्यूनतम सजा की शुरुआत की गई है. छह अपराधों में सामुदायिक सेवा को दंड के रूप में स्वीकार किया गया है और 19 धाराओं को निरस्त किया गया है.
साक्ष्य अधिनियम में 170 धाराएं
इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के अंतर्गत 170 धाराएं होंगी. कुल 24 धाराओं में बदलाव किया है. नई धाराएं और उपाधाराए जोड़ी गई हैं. सरकार का मानना है कि नए कानून लागू होने से न्याय जल्दी मिलेगा और तय समय के अंदर चार्जशीट फाइल हो सकेगी. साक्ष्य जुटाने के लिए 900 फॉरेंसिक वैन देशभर के 850 पुलिस थानों के साथ जोड़ी जा रही हैं. गरीबों के लिए न्याय महंगा नहीं होगा.
पिछले साल राष्ट्रपति ने मंजूरी दी थी
गृह मंत्रालय के मुताबिक नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 में नौ नए सेक्शन और 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं. इसके अलावा 44 नई व्याख्याएं और स्पष्टीकरण जोड़े हैं और 14 धाराओं को निरस्त किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ये विधेयक संसद में रखे थे, जिन्हें ध्वनिमत से पारित किया गया. पिछले साल 25 दिसंबर को राष्ट्रपति ने इन्हें मंजूरी दी थी.
अमित शाह ने विधेयक पर चर्चा के दौरान क्या कहा था?
विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा था कि विधेयक का उद्देश्य दंड देना नहीं है, इसका उद्देश्य न्याय देना है. उन्होंने कहा था कि इन विधेयकों की आत्मा भारतीय है. व्यास, बृहस्पति, कात्यायन, चाणक्य, वात्स्यायन, देवनाथ ठाकुर, जयंत भट्ट, रघुनाथ शिरोमणि अनेक लोगों ने जो न्याय का सिद्धांत दिया है उसको इसमें उतारा गया है.
सरकार का मानना है कि यह कानून स्वराज की और बड़ा कदम है. गृह मंत्री ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा था कि गांधी जी ने शासन परिवर्तन की लड़ाई नहीं लड़ी, उन्होंने स्वराज की लड़ाई लड़ी थी. ये कानून लागू होने से “तारीख पर तारीख” का जमाना चला जाएगा. तीन साल में किसी भी पीड़ित को न्याय मिल जाए ऐसी न्याय प्रणाली इस देश के अंदर प्रतिस्थापित होगी.
उन्होंने कहा कि इस बिल में इतनी दूरदर्शिता रखी गई है कि आज मौजूद सारी तकनीक से लेकर आने वाले सौ वर्षों की तकनीक, सभी को सिर्फ नियमों में परिवर्तन करके समाहित किया जा सकेगा. इसमें राजद्रोह कानून के अंग्रेजी प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है. सरकार के खिलाफ कोई भी बोल सकता है, लेकिन देश के खिलाफ अब नहीं बोल सकते हैं. देश के खिलाफ बोलने या साजिश करने पर सजा का प्रावधान किया गया है.
Tags: Criminal Laws, Modi governmentFIRST PUBLISHED : July 1, 2024, 13:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed