एक छोटी गुमटी से बड़े रेस्टोरेंट तक का सफर कुछ ऐसे श्रीकांत ने संभाली जिंदगी

Ballia News: संग्रिल (Sangrill) फास्ट फूड की बड़ी दुकान के ऑनर श्रीकांत पांडेय हैं. उन्होंने कहा कि बिजनेस शुरू करने की सोच ही रहा था कि मां को कैंसर हो गया. इलाज में पूरी पूंजी खत्म हो गई. लेकिन हार नहीं मानी. पत्नी का साथ मिलने से आज उनकी किस्मत बदल गई है.

एक छोटी गुमटी से बड़े रेस्टोरेंट तक का सफर कुछ ऐसे श्रीकांत ने संभाली जिंदगी
सनन्दन उपाध्याय/बलिया: कहते हैं जीवन में धैर्य और हिम्मत हर सपने को साकार करने में मदद कर जाता है. इसका साक्षात उदाहरण बलिया का एक युवा है, जिसने अपने मां-बाप के लिए बड़ी से बड़ी नौकरी को पीछे छोड़ दिया. कैंसर से पीड़ित अपनी मां को बचाने में असफल इस युवक की स्थिति जरूर दयनीय हुई. लेकिन, अपनी पत्नी के साथ मिलकर आज बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए बड़ी दुकान संग्रिल (Sangrill) का मालिक बन गया. कभी परिवार के भरण पोषण के लिए दर-दर भटकता रहा ये युवा आज लगभग आधा दर्जन से अधिक लोगों के रोजगार का साधन बना है. संग्रिल (Sangrill) फास्ट फूड की बड़ी दुकान के ऑनर श्रीकांत पांडेय हैं. उन्होंने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि वह बांसडीह थाना क्षेत्र के बकवा गांव का निवासी है. उनकी पढ़ाई- लिखाई बलिया जनपद से ही हुई है. इंटर के बाद उन्होंने ग्रेजुएशन किया. काफी संघर्ष करने के बाद उन्होंने आईटी सेक्टर के साथ आईबीएम, विप्रो और डेल (13 सालों तक) जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों में लंबे समय तक काम किया. 2018 में खत्म हो गया था सब कुछ आगे उन्होंने बताया कि 2018 में वह होली पर्व पर गांव आए. उनके पिताजी की तबीयत उन दिनों खराब रहती थी. काफी इमोशनल हो उन्होंने मुझसे कहा कि अगर तुम भी चले जाओगे, तो मुझे और तुम्हारी मां को डॉक्टर के पास ले जाएगा. यहीं पर कुछ काम देख लो. काफी समय तक नौकरी किए हो, कुछ तो जोड़े होगे. बाकि कुछ मैं दे दूंगा. अपने जनपद में ही कुछ कर लो बेटा. उनकी यह बात श्रीकांत के दिल पर लग गई. उनके परिवार में कोई नहीं था एक बड़े भाई थे, वह भी दुबई रहते थे. अचानक दुखों का टूट पड़ा पहाड़ आगे उन्होंने कहा कि बिजनेस शुरू करने की सोच ही रहा था कि पता चला कि मां को कैंसर हो गया. उनका इलाज कराने के लिए दिल्ली आ गए. यहां हर रोज एक लाख रुपये से ज्यादा का खर्च आता था. आगे उन्होंने बताया कि मैंने जो भी पूंजी जोड़ी थी उसे मां को बचाने में लगा दी. लेकिन, भगवान को कुछ और ही मंजूर था. मां भगवान को प्यारी हो गई. पति-पत्नी मिलकर खोली खाने-पीने की गुमटी आगे उन्होंने बताया कि मेरी पत्नी ने इन दिनों मेरा पूरा साथ दिया. पूंजी न होने की वजह से हम दोनों ने एक छोटी से गुमटी में खाने-पीने बेचने का काम शुरू किया. बर्तन धोने से लेकर हर काम पति-पत्नी मिलकर करते थे. आज हिम्मत न हारने की वजह से मेरी खुद की एक बड़ी दुकान है. लोग  यहां के हर आइटम को पसंद करते हैं. आगे उन्होंने बताया कि आज वह लगभग आधा दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार देने के लिए काबिल बन गए हैं. कई लोगों को उन्होंने इस दुकान पर सैलरी बेस पर रखा है. Tags: Ballia news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : July 1, 2024, 12:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed