चीन और भारत की नेजल वैक्सीन को WHO ने बताया कारगर कहा- कोरोना की लड़ाई में मददगार
चीन और भारत की नेजल वैक्सीन को WHO ने बताया कारगर कहा- कोरोना की लड़ाई में मददगार
डब्ल्यूएचओ ने भारत और चीन में तैयार हुए दो नए वैक्सीन को मंजूरी दिये जाने के फैसले का स्वागत किया है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ये दोनों वैक्सीन कोरोना महामारी को नियंत्रण करने में मददगार साबित हो सकती हैं.
हाइलाइट्सचीन में कैनसिनो के Ad5-nCoV वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी भी मिल चुकी है.डब्ल्यूएचओ ने नेजल वैक्सीन को कोरोना की लड़ाई में मददगार बताया है.भातर बायोटेक के इंट्रानेजल (नाक के जरिए दी जाने वाली) वैक्सीन को डीसीजीआई ने मंजूरी दे दी.
नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को भारत और चीन में घरेलू वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने के फैसले का स्वागत किया है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि नेजल टीके कोरोना वायरस की महामारी को काबू करने में मददगार साबित हो सकते हैं. साथ ही यह भी कहा कि वह नए टीकों के पीछे के आंकड़ों को देखना चाहते हैं, ताकि यह आकलन किया जा सके कि उन्हें मंजूरी दी जाए या नहीं. चीन ने रविवार को दुनिया की पहली नेजल या इनहेल वैक्सीन डेवलप कर ली है. चीन ने कैनसिनो के Ad5-nCoV वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दिया है. वहीं भारत ने मंगलवार को भारत बायोटेक द्वारा विकसित आपातकालीन उपयोग के लिए नेजल कोविड -19 वैक्सीन को मंजूरी दे दी.
डब्ल्यूएचओ के आपात निदेशक माइक रयान ने कहा कि नाक के टीके फेफड़ों में श्वसन म्यूकोसा में इम्यून रिस्पांस को बढ़ाते हैं. उन्होंने कहा, “आप रक्षा की पहली पंक्ति उत्पन्न कर रहे हैं, जहां वायरस प्रवेश करता है और बहुत नुकसान पहुंचाता है.” ऐसा करने पर, नाक के टीके संभावित रूप से किसी व्यक्ति को संक्रमित होने और वायरस को फैलने से रोक सकते हैं. रेयान ने बताया कि कैसे पोलियो जैसी बीमारियों से निपटने के लिए नाक और इंजेक्शन वाले टीकों का उपयोग किया जाता है. कोविड -19 पर डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने भी इस खबर का स्वागत किया.
उन्होंने कहा कि हम टीकों के पिछले आंकड़ों को देखने के लिए उत्साहित हैं कि कैसे इन्होंने काम किया. चीन ने दुनिया की पहली नेजल या इनहेल वैक्सीन डेवलप कर ली है. चीन में कैनसिनो के Ad5-nCoV वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी भी मिल चुकी है. इस वैक्सीन को सूंघकर (Inhale) कोरोना से बचाव किया जा सकता है. बता दें कि बीते मंगलवार को भारत बायोटेक के इंट्रानेजल (नाक के जरिए दी जाने वाली) वैक्सीन को कोरोना वायरस के खिलाफ इस्तेमाल के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से मंजूरी मिल गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को यह जानकारी दी थी. इससे पहले बीते 15 अगस्त को कंपनी ने नाक के रास्ते दिए जाने वाले कोविड-19 टीके के तीसरे चरण के सफल परीक्षण की घोषणा की थी.
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Tags: Coronavirus, Coronavirus vaccine, WHOFIRST PUBLISHED : September 07, 2022, 22:19 IST