पाकिस्तान बन गया है चीन का पालतू SCO समिट में शहबाज शरीफ को किसी ने नहीं पूछा

चीन भारत की बात करें उससे पहले कुछ तस्वीरें वो भी हैं कि जहां एक देश की आज एक तस्वीर आई जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन आगे निकल गए और उनको किसी ने देखा तक नहीं. मैं शहबाज़ शरीफ की बात कर रहा हूं, जिनके फील्ड मार्शल खुद शहबाज शरीफ के साथ सारी मीटिंग में बैठे हैं. कहीं ना कहीं पाकिस्तान को उसकी औकात दिखा दी गई है या फिर शहबाज शरीफ पूरी तरह से साइड लाइन हो चूके हैं और वहां सारे कॉल्स फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ले रहे हैं. ये किसी से छुपा नहीं है कि पाकिस्तान का असली पावर सेंटर इस्लामाबाद नहीं है, रावलपिंडी है. कहते है कि देशों के पास आर्मी होती है. पाकिस्तान में एक आर्मी है जिसके पास एक देश है तो ये डिफरेंस क्लियरली दुनिया के सामने है. और जब अमेरिकी राष्ट्रपति से किसी मसले पे बात करनी होती है तो उनके आर्मी चीफ जाते हैं फील्ड मार्शल. अब जो अपने आपको कहते हैं प्रधानमंत्री नहीं जाते हैं... दूसरा जो चीन और पाकिस्तान की इक्वेशन है, वह भी बहुत ही क्लियर है. पाकिस्तान के हथियार चीन से आते हैं. पाकिस्तान को डिप्लोमैटिक सपोर्ट चीन से मिलता है. पाकिस्तान को पैसा चीन से मिलता है. 60 बिलियन डॉलर्स से ज्यादा का इन्वेस्टमेंट हो चुका है. पाकिस्तान को चीन का पालतू कहने में कोई गलती नहीं होगी, वैसा ही हो गया है. उसकी गति इस वक्त ऐसी ही हो गई है.

पाकिस्तान बन गया है चीन का पालतू SCO समिट में शहबाज शरीफ को किसी ने नहीं पूछा