445 तक जुटाए थे पैसे 15 मिनट में हो गया खेला अतुल ने बताया कैसे टूटा सपना

Muzaffarnagar News: 18 वर्षीय अतुल ने अपने सपने के टूटने की कहानी जो बताई है, वो मजबूरियों से भरी हुई है. अतुल मुजफ्फरनगर जिले के टिटोरा गांव का रहने वाला है.

445 तक जुटाए थे पैसे 15 मिनट में हो गया खेला अतुल ने बताया कैसे टूटा सपना
मुजफ्फरनगरः जो बच्चे इंजीनियरिंग में कुछ कर गुजरने की चाहत रखते हैं, उनका सपना होता है आईआईटी में पढ़ने का. लेकिन कई बार सपनों के बीच कुछ मजबूरियां रोड़े बनकर आ जाती हैं, जिससे उन बच्चों का सपना चकनाचूर हो जाता है. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का है, जहां का एक छात्र आईआईटी धनबाद में एडमिशन लेना चाहता था. लेकिन पैसे नहीं होने के कारण उसका सपना टूट गया. हालांकि छात्र ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया है. छात्र ने बताया है कि कैसे उसके वर्षों की मेहनत पर 15 मिनट की देरी ने पानी फेरा है. 18 वर्षीय अतुल ने अपने सपने के टूटने की कहानी जो बताई है, वो मजबूरियों से भरी हुई है. अतुल मुजफ्फरनगर जिले के टिटोरा गांव का रहने वाला है. अतुल ने बताया, ‘काउंसलिंग खत्म हुई तो आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट मिला था. तो 24 जून को 5 बजे से पहले फीस जमा करनी थी सीट एक्सप्टेंस के लिए, जो 17500 थी. 4 बजकर 45 मिनट पर पैसे का इंतजाम कर लिया. लेकिन कॉलेज का विंडो बंद हो गया, जिसके चलते वो फीस नहीं जमा कर पाया.’ इसके बाद छात्र ने पहले झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मंगलवार को अतुल की याचिका पर सुनवाई की. गरीबी रेखा से नीचे के परिवार से आने वाले अतुल का आईआईटी-आईएसएम धनबाद में दाखिला लेने का सपना फीस भरने की समयसीमा चूक जाने के चलते लगभग खत्म हो गया था. अतुल के पिता राजेंद्र कुमार मेरठ में एक कपड़ा फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं. वे हर रोज 450 रुपये कमाते हैं. उनकी मां राजेश देवी खेतों में काम करने और चारपाई बनाने का काम करती हैं. वह भी परिवार की आय बढ़ाने के लिए मेहनत करती हैं. साइकिल से काम पर जाना और व्यक्तिगत जरूरतों को त्यागकर पिता ने अपने बच्चों को खूब बढ़ाया है. Tags: Muzaffarnagar newsFIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 12:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed