बबुआ कैसे बनिहे IAS-PCS जब कॉपी किताबे भईल एतना महंगा

30 साल से कॉपी की दुकान लगा रहे मोहम्मद अहमद बताते हैं कि कोरोना कल के बाद पेपर पर 18 % GST लगने के बाद, पेपर महंगे हो गए हैं, इसका असर या यूं कहे कि आलम ये है कि जहां कभी छात्र किलो की भाव से कॉपी खरीदते थे. अब वह 2-3 पीस ही कॉपी खरीदते हैं.

बबुआ कैसे बनिहे IAS-PCS जब कॉपी किताबे भईल एतना महंगा
रजनीश यादव/ प्रयागराज: महंगाई ने जहां हर तरफ लोगों को परेशान करके रखा है, वहीं, इसकी मार अब किताब, कॉपियों और अन्य स्टेशनरी समानों पर भी देखी जा रही है. शिक्षा का गढ़ उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लाखों की संख्या में रहकर प्रतियोगी छात्र तैयारी करते हैं. यहां लगभग सभी परीक्षाओं से जुड़ी कोचिंग संस्थान हैं. छात्रों की संख्या अधिक होने के कारण ही प्रयागराज में कॉपी, कलम, किताब की खपत ज्यादा है. लेकिन बढ़ती महंगाई से यहां रह रहे लाखों छात्रों की जेब ढीली हो रही है. प्रयागराज में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पास स्थित यूनिवर्सिटी चौराहे पर सैकड़ो की संख्या में कॉपी कलम किताब की दुकान लगती है. जहां इसको खरीदने के लिए प्रतियोगी छात्रों की भारी भरकम भीड़ भी लगी होती है. पिछले 30 साल से कॉफी का बिजनेस कर रहे मोहम्मद अहमद बताते हैं कि कोरोना काल ने प्रतियोगी छात्रों के जीवन पर गहर असर डाला है. पेपर पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया गया. जिससे पेपर महंगा हो गया . बताते हैं कि A4 साइज पेपर की बंडल पहले 150 रुपए की आती थीं,  लेकिन जीएसटी लगने के बाद वह ₹220 की हो गई. वहीं, ₹10 पैकेट मिलने वाली लिखो फेको पेन अब 18 रुपए पैकेट मिल रही है. क्या कहते हैं छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे विशाल वर्मा बताते हैं कि छात्रों को कॉपी, कलम और किताब की डेली आवश्कायकता है. इस वजह से उन्हें इन चीजों की खरीदारी करनी ही है. किताबों पर जहां पहले 45% की डिस्काउंट दुकानदार देते थे. वहीं, अब यह 35% हो गया. ₹60 में 200 पेज की कॉपी मिलती थी वह अब ₹80 की मिलने लगी. कलम के दाम में भी इजाफा हो गया है.  इसलिए एक बार कलम खरीद के उसमें रिफिल डाल देते हैं. ऐसे ही महंगाई बढ़ती रही तो छात्रों को घर से और पैसे मंगाने पड़ेंगे. महंगाई की वजह से बच्चे PDF पढ़ रहे हैं. मोहम्मद अहमद बताते हैं की पेपर के महंगे होने से छात्र ऑनलाइन ही नोट्स की pdf  पढ़ रहे हैं. इससे किताब कॉपी के व्यपारियों के सेहत पर भी असर दिख रहा है, जहां पहले छात्र किलो के भाव में कॉपी खदीरते थे. वह अब एक दो कॉपी खरीद रहे हैं. यहां मिलती है सस्ती कॉपी-किताब प्रयागराज का यूनिवर्सिटी चौराहा सस्ते कॉपी, कलम और किताब के लिए फेमस है. यहां 500 से भी ज्यादा कॉपी किताब की दुकान है. जहां पूरे दिन हजारों छात्र अपनी पसंद की किताब और अन्य स्टेशनरी के समान के लिए आते हैं.. . Tags: Allahabad news, Local18FIRST PUBLISHED : May 2, 2024, 15:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed