हॉकी का लेना है ट्रेनिंग तो पहुंचे यहां 400 से अधिक बेटियां खेल चुकी है नेशनल

प्रदीप चिन्योटी ने बताया कि 32 साल पहले जब कॉलेज में एडमिशन लिया था, तब हॉकी के प्रति काफी लगन रखते थे. सपना यही था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को मेडल दिलाएं, लेकिन आर्थिक चुनौती के कारण यह मुमकिन नहीं हो पाया. मैदान में बेटियों को हॉकी खेलते देखा ताे बेटियों को प्रशिक्षण देने का ठान लिया. अब तक 400 से अधिक बेटियां नेशनल स्तर पर परफॉर्म कर चुकी है.

हॉकी का लेना है ट्रेनिंग तो पहुंचे यहां 400 से अधिक बेटियां खेल चुकी है नेशनल
मेरठ. पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मेरठ खेल के क्षेत्र में अग्रणी है. यहां की प्रतिभा लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है और विश्व पटल पर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं. खासकर राष्ट्रीय खेल हॉकी के क्षेत्र में मेरठ के खिलाड़ी अपना अलग मुकाम हासिल करने में कामयाब हो रहे हैं. कुछ इसी तरह का नजारा मेरठ के एनएएस डिग्री कॉलेज में भी देखने को मिल रहा है. जहां पिछले 32 वर्षों से लगातार बेटियों को हॉकी का प्रशिक्षण देने के प्रति हॉकी कोच प्रदीप चिन्योटी लगातार कार्य कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदीप भारत को मेडल नहीं दिला पाए, लेकिन उनका सपना है कि उनके द्वारा प्रशिक्षित खिलाड़ी मेडल जीतने में कामयाब हो. इसलिए प्रदीप बेटियों को बेहतर प्रशिक्षण उपलब्ध कराने पर फोकस रखते हैं. 400 से अधिक राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी कर चुके हैं परफॉर्म प्रदीप चिन्योटी ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि 32 साल पहले जब कॉलेज में एडमिशन लिया था, तब खुद हॉकी के प्रति काफी लगन रखते थे. स्टेट, नेशनल, ऑल यूनिवर्सिटी सहित विभिन्न प्रकार के गेम में हिस्सा लिया. उन्होंने बताया कि सपना यही था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को मेडल दिलाएं, लेकिन आर्थिक चुनौती के कारण यह मुमकिन नहीं हो पाया. उन्होंने बताया कि एक दिन मैदान में  चार बेटियों को हॉकी खेलते देखा. इसके बाद मन में ठान लिया कि बेटियों को प्रशिक्षित करने का कार्य करेंगे. तब से लेकर अब तक वह बेटियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. अब तक 400 से अधिक बेटियां नेशनल स्तर पर परफॉर्म कर चुकी है. 26 साल तक नहीं लिया कोई मानदेय प्रदीप बताते हैं कि 26 साल तक नि:शुल्क ही बेटियों को प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराते रहे. हालांकि अब कॉलेज मैनेजमेंट एवं प्रिंसिपल मनोज अग्रवाल द्वारा मानदेय दिया जाने लगा है. उन्होंने बताया कि जिन बेटियों को वह प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हैं, उनसे किसी भी प्रकार का कोई भी शुल्क नहीं लेते हैं. हॉकी स्टीक से लेकर हर तरह की सुविधाकॉलेज प्रशासन द्वारा ही उपलब्ध कराया जाता है. सर के प्रशिक्षण के बदौलत बनाई पहचान कॉलेज परिसर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही नेशनल हॉकी प्लेयर मानसी ने बताया कि प्रदीप सर के द्वारा जो  प्रैक्टिस कराई जाती है, उसी के बदौलत राष्ट्रीय स्तर परफॉर्म कर रहे हैं. इसी तरह से खुशी बताती हैं कि स्टेट और नेशनल खेलने का जो सपना पूरा हुआ है, उसमें प्रदीप सर का बड़ा योगदान है. इतना ही नहीं नेशनल प्लेयर आकांक्षा बताती हैं कि आर्थिक कमी के बीच हॉकी स्टीक खरीदने एवं प्रशिक्षण प्राप्त करने में भी काफी चुनौतियां थी. लेकिन, प्रदीप सर के बदौलत सभी चुनौतियों से पार पा लिया. इन्हीं के बदौलत अब तक कई मेडल नेशनल स्तर पर हासिल कर चुके हैं. अर्जुन अवार्डी ने भी लिया था यहां से प्रशिक्षण बताते चलें कि अर्जुन अवार्ड से सम्मानित हॉकी प्लेयर वंदना कटारिया ने भी शुरुआती दौर में प्रदीप चिन्योटी से ही प्रशिक्षण प्राप्त किया था. प्रदीप चिन्योटी के द्वारा प्रशिक्षित खिलाड़ी शिवानी शर्मा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंपायरिंग करती हुई नजर आ रही है. यही नहीं लगभग 100 से अधिक ऐसी बेटियां हैं, जिन्होंने यहां से प्रशिक्षण हासिल करने के बाद उपलब्धि हासिल की है. प्रदीप के द्वारा प्रशिक्षित कई बेटियां  सरकारी नौकरी भी कर रही है. Tags: Meerut news, Sports news, Uttarpradesh news, Womens HockeyFIRST PUBLISHED : August 5, 2024, 12:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed