मेरठ. जीवन में आंखों की रोशनी को काफी महत्वपूर्ण भाग माना जाता है, लेकिन बदलते दौर में जिस तरीके से आंखों से संबंधित विभिन्न प्रकार की बीमारियां देखने को मिल रही है. उससे लोग मोतियाबिंद और रेटिना से संबंधित विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त नजर आते हैं. जिसका इलाज अगर प्राइवेट अस्पतालों में कराने लगे तो वह काफी महंगा होता है. ऐसे में काफी लोग ऐसे होते हैं जो कि अपना ट्रीटमेंट करने के बजाय ऐसे ही जीवन यापन करने के लिए सोचते हैं
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ की बात की जाए तो यहां आसपास के लोगों के लिए अच्छी बात है कि लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में संचालित सरदार वल्लभभाई पटेल चिकित्सालय में नेत्र रोग विभाग में ऐसे विशेषज्ञों की टीम मौजूद है. जो हर तरह की आंख से संबंधित बीमारियों का उपचार करती है. लोकल-18 की टीम ने नेत्ररोग विभागाध्यक्ष डा. लोकेश कुमार सिंह से खास बातचीत. जिन्होंने बताया कि नेत्र रोग विभाग में अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से मरीजों को निरंतर उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है.
18000 से अधिक मरीजों की सर्जरी
डॉक्टर लोकेश कुमार सिंह बताते हैं कि वह अब तक 18000 से अधिक मरीजों की आंखों से संबंधित ऑपरेशन की प्रक्रिया को पूरा कर चुके हैं, जो अब बेहतर जिंदगी जीते हुए नजर आ रहे हैं. विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 400 से अधिक मरीज यहां अपनी आंखों से संबंधित ट्रीटमेंट के लिए आते हैं. जिनमें काफी ऐसे मरीज होते हैं. जिनका मोतियाबिंद गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है. ऐसे सभी मरीजों की ऑपरेशन से पहले संबंधित जांच कराकर उससे अगले ही दिन मरीज का ऑपरेशन कर दिया जाता है.
आधुनिक टेक्नोलॉजी के सहारे होता है ऑपरेशन
डॉ. लोकेश की माने तो मेरठ मेडिकल कॉलेज में भी आधुनिक मशीनों के माध्यम से ही मरीजों की आंखों का ऑपरेशन होता है. अगर समय अवधि की बात की जाए तो 10 से 15 मिनट में आंखों से संबंधित ऑपरेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाती है. उन्होंने बताया कि आंखों के ऑपरेशन के बाद विभिन्न प्रकार की सावधानी बरतनी आवश्यक होती है. ऐसे में मरीजों की काउंसलिंग भी की जाती है. जिससे कि ऑपरेशन के बाद किसी भी प्रकार से हल्की सी भी लापरवाही मरीज न करे. इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि एक महीने तक लगातार मरीजों को समय-समय पर चेकअप के लिए भी बुलाया जाता है. जिससे कि ऑपरेशन के बाद अगर किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत मरीज को हो तो उसका भी उपचार समय रहते ही किया जा सके.
निशुल्क रहती है सभी प्रक्रियाएं
उत्तर प्रदेश शासन के दिशा निर्देश अनुसार जिन मरीजों का भी ऑपरेशन से संबंधित ट्रीटमेंट नेत्ररोग विभाग द्वारा किया जाता है. उसमें ऑपरेशन से संबंधित सभी प्रकार की प्रक्रियाएं निशुल्क रहती हैं. साथ ही डॉक्टर लोकेश बताते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति की आंखों के लेंस उसकी स्थिति के अनुसार ही डाले जाते हैं. वहीं प्राइवेट अस्पताल की अगर बात की जाए तो आंखों से संबंधित ऑपरेशन के लिए न्यूनतम खर्चा भी 20000 रुपए से अधिक रहता है. जबकि मेरठ मेडिकल कॉलेज में यह ना के बराबर ही होता है. यही कारण है कि मेरठ मेडिकल कॉलेज में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, रामपुर, मुरादाबाद, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, अमरोहा, शामली, बागपत सहित अन्य जनपदों के मरीज भी अपना ट्रीटमेंट करने के लिए आते हैं. जिसमें सिर्फ एक रुपए का पर्चा बनवाने के पश्चात वह ओपीडी में अपनी आंखों को अच्छे से दिखाने के बाद ऑपरेशन प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं. मेरठ मेडिकल कॉलेज में कार्यरत डॉक्टर भी अपने परिचितों का ऑपरेशन मेडिकल कॉलेज में ही कराते हुए दिखाई देते हैं. क्योंकि जिन आधुनिक सुविधाओं के बीच टीम द्वारा ऑपरेशन किया जाता है. वह अपने आप में ही प्रशंसा योग्य है.
यहां से की है पढ़ाई
डॉ लोकेश बताते हैं कि उन्होंने अपनी एमबीबीएस की डिग्री किंग जॉर्ज यूनिवर्सिटी लखनऊ से हासिल की है. उसके पश्चात एमएस की परीक्षा पास करने के बाद आई स्पेशलिस्ट के तौर पर लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी करने वह निरंतर यहां पर मरीजों की देखभाल में लगे हुए हैं. हालांकि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले है.
Tags: Eyes, Local18, Medical18FIRST PUBLISHED : May 18, 2024, 07:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed