इस किले में युद्ध विराम के बाद पांडव करते थे आराम यमुना किनारे है मौजूद

इतिहासकारों का मानना है कि यहां महाभारत काल  के समय से ही यमुना के किनारे यह किला बना हुआ है.

इस किले में युद्ध विराम के बाद पांडव करते थे आराम यमुना किनारे है मौजूद
निर्मल राजपूत /मथुरा: उत्तर प्रदेश का मथुरा हमेशा से ही मंदिरों की नगरी के नाम से जाना जाता है. यहां मंदिर और किले अपने अंदर इतिहास को समेटे हुए हैं. यहां किसी किले या मंदिर से कोई ना कोई इतिहास जुड़ा हुआ है. यमुना के किनारे बना यह फोर्ट महाभारत काल की याद को संजोए हुए है. इतिहासकारों के अनुसार यह फोर्ट महाभारत के समय से है. ऐसा कहा जाता है कि यहां पांडव युद्ध विराम के दौरान जाकर विश्राम किया करते थे. युद्ध विराम के दौरान पांडव करते थे विश्राम सतयुग युग हो, त्रेता युग हो, या द्वापर युग हो मथुरा का इतिहास इन तीनों युगों में आपको मिलेगा. वेदों और पुराणों में मथुरापुरी को उच्च दर्जा दिया गया है. इन तीनों युगों में जो लीलाएं हुईं, उन लीलाओं में मथुरा का वर्णन आज भी है. सतयुग में पांडवों का नाता मथुरा से रहा है. त्रेता युग में भगवान राम के छोटे भाई शत्रुघ्न ने यहां 11 हजार वर्ष राज किया. द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं को यहां किया. सतयुग में जहां पांडवों ने कौरवों को हराया था. यह किला सतयुग की याद दिलाता है. इतिहासकारों का मानना है कि यहां महाभारत काल  के समय से ही यमुना के किनारे यह किला बना हुआ है. तो वहीं स्थानीय नागरिक कृष्णकांत गर्ग ने किले के बारे में बताते हुए  कहा कि कौरवों और पांडवों का जब युद्ध हुआ करता था. युद्ध शाम को जब विराम लेता था, तो तब पांडव यहां इस किले में आकर रात्रि विश्राम करते थे. सुबह युद्ध के लिए वह पुणे निकल जाते थे. यह सिलसिला कई सौ साल तक चलता रहा. यमुना के किनारे बना यह किला आज भी पांडवों के युद्ध की याद अपने अंदर समेटे हुए है. राजा मान सिंह ने इस किले को कराया था पुन: निर्मित कहा ये भी जाता है कि इस किले का इतिहास महाभारत काल से भी पुराना है. कई लोगों का मानना है कि महाभारत काल में यह किला पांडवों के लिए एक विश्राम घर हुआ करता था. हालांकि, कई इतिहासकार का मानना है कि 16वीं शताब्दी  में जयपुर के राजा मान सिंह द्वारा इस महल को पुन: निर्मित किया गया था. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 09:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed