बलराम की पत्नी रेवती को किसने दिया था निसंतान होने का श्राप

मथुरा नाथ शास्त्री ने बताया कि रेवती माता बहुत सुंदर थीं, इसलिए सभी देवता उनसे वर्ण करना चाहते थे, यानी विवाह करना चाहते थे. देवताओं में इंद्र भी रेवती से विवाह करना चाहते थे लेकिन रेवती माता ने इंद्र से विवाह करने से इनकार कर दिया था.

बलराम की पत्नी रेवती को किसने दिया था निसंतान होने का श्राप
मथुरा. भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम की पत्नी मां रेवती को देवराज इंद्र ने श्राप दिया था. इंद्र ने रेवती माता को निसंतान होने का श्राप दिया था. मान्यताओं के अनुसार, देवराज इंद्र मां रेवती से विवाह करना चाहते थे. विवाह से इनकार करने के बाद इंद्र ने मां रेवती को निसंतान होने का श्राप दे दिया था. रेवती माता फिर कभी मां नहीं बन पाईं. द्वापर में बलराम और त्रेता युग में लक्ष्मण शेषनाग के अवतार रहे हैं. शेषनाग का अवतार होने के साथ-साथ बलराम बहुत सुंदर थे. वह सुंदर होने के साथ-साथ बलशाली भी थे. द्वापर युग में बलराम का नागकन्या रेवती से विवाह हुआ था. बलराम की पत्नी मां नहीं बन सकीं क्योंकि देवराज इंद्र ने उन्हें श्राप दिया था. बलराम महाराज मंदिर के पुजारी मथुरा नाथ शास्त्री ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि बलराम शेषनाग का अवतार हैं. भगवान ने समय-समय पर पृथ्वी व लोक की रक्षा के लिए अवतार लिया. त्रेता युग में राम जी बड़े थे और लक्ष्मण जी छोटे. द्वापर युग में बलराम जी बड़े और कृष्ण जी छोटे. राम बने कृष्ण और बलराम लक्ष्मण बने. रेवती मैया के पिता का नाम रेवत था. राजा रेवत अपनी पुत्री के वर के लिए ब्रह्मा जी के पास गए. ब्रह्मा जी ने रेवत को रेवती का विवाह बलराम जी से करने की सलाह दी. रेवती से विवाह करना चाहते थे देवराज इंद्र मथुरा नाथ शास्त्री ने बताया कि रेवती माता बहुत सुंदर थीं, इसलिए सभी देवता उनसे वर्ण करना चाहते थे, यानी विवाह करना चाहते थे. देवताओं में इंद्र भी रेवती से विवाह करना चाहते थे लेकिन रेवती माता ने इंद्र से विवाह करने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद देवराज इंद्र ने नाराज होकर रेवती को श्राप दे दिया कि वह कभी मां नहीं बन पाएंगी. श्राप के कारण रेवती माता कभी भी मां बनने का सुख नहीं भोग पाईं. Tags: Dharma Aastha, Local18, Mathura news, UP newsFIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 15:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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