यहां मिल रही बेटियों के सपने को उड़ान एक महिला ने बदल दी सैकड़ों जिंदगियां

Mathura News: यहां मिल रही बेटियों के सपने को उड़ान, एक महिला ने बदल दी सैकड़ो बेटियों की जिंदगी. शिप्रा राठी गरीब बेटियों को आत्मनिर्भर बना रही हैं. आत्मनिर्भर बनाने के लिए बेटियों को ब्यूटी पार्लर का कोर्स, हैंड क्राफ्ट, कंप्यूटर प्रशिक्षण के साथ-साथ फैशन डिजाइनिंग भी कर रहे हैं. करीब 5000 से अधिक बेटियों को आत्मनिर्भर बना चुकी हैं.

यहां मिल रही बेटियों के सपने को उड़ान एक महिला ने बदल दी सैकड़ों जिंदगियां
निर्मल कुमार राजपूत /मथुरा: एक छात्रा से शुरू हुआ इंस्टीट्यूट आज बुलंदियों पर है. इस इंस्टिट्यूट में ऐसी छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाता है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. 2007 में इस इंस्टीट्यूट की शुरुआत की गई थी और आज तकरीबन 5000 से अधिक छात्राएं इस इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण लेने के बाद आत्मनिर्भर बन चुकी हैं. इंस्टीट्यूट को संचालित करने वाली यह महिला आज लोगों के बीच रोजगार दीदी के नाम से पुकारी जाती हैं. मन में दृढ़ संकल्प और अपनी मंजिल को पाने की जिद आपको मंजिल तक पहुंचा ही देती है. मथुरा में एक ऐसा इंस्टिट्यूट है, जिसकी संचालिका आज हजारों छात्राओं को प्रशिक्षण दे रही हैं. साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बना रही हैं. यहां से प्रशिक्षण लेने के बाद छात्राएं अपने आप को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ खुद का बिजनेस भी शुरू कर रही हैं. खाजानी इंस्टीट्यूट की शिप्रा राठी इस पूरे इंस्टीट्यूट को संचालित करती हैं. उन्होंने ऐसी गरीब छात्राओं को चिन्हित किया है, जो छात्राएं आर्थिक रूप से कमजोर हैं. 2007 में इंस्टीट्यूट की शुरूआत खाजानी इंस्टीट्यूट की संचालिका शिप्रा राठी ने बताया कि इस सफर की शुरुआत महज एक छात्रा से हुई. 2003 में जब शादी होकर मथुरा आई, तो उसके कुछ सालों बाद यानी 2007 में इसकी शुरुआत की. हम लोगों ने मन में यह धारणा लेकर छात्राओं की काउंसलिंग करना शुरू किया और उन्हें फिर पढ़ाना शुरू किया. आत्मनिर्भर बनाने के लिए बेटियों को ब्यूटी पार्लर का कोर्स शिप्रा आगे बताती हैं कि जब इस इंस्टीट्यूट की शुरुआत हुई थी, तो हम लोगों ने यह नहीं सोचा था कि हमारा सपना इस तरह से पूरा होगा. लोग जुड़ते गए कारवां बनता गया. आज तकरीबन 5000 से अधिक छात्राओं को निशुल्क शिक्षा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना चुकी हूं. ब्यूटी पार्लर कोर्स, फैशन डिजाइनिंग के अलावा कई कोर्स है जिनमें छात्राएं पढ़कर अपने आप को आत्मनिर्भर बना सकती हैं. यहां की छात्राएं मेकअप भी सिखाती हैं, यहां की छात्राएं ड्रेस भी बनाना सिखाती हैं और यहां की छात्राएं कंप्यूटर ट्रेनिंग में निपुण भी होती हैं. आज सैकड़ों छात्राएं अपनी जिंदगी को सवार कर आगे बढ़ रही हैं. आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को मिलती है मदद आगे उन्होंने बताया कि  गरीब या आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को यहां पर पढ़ाया जाता है. इसमें योगदान सभी लोगों का होता है. इन गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को पढ़ने के लिए यहां की छात्राएं अनुदान देती हैं. यहां के समाजसेवी भी अनुदान देते हैं. हम लोगों के अथक प्रयासों से यहां की उन गरीब लड़कियों को शिक्षा मिल रही है, जो अपने सपनों को साकार कर हौसले की उड़ान भरना चाहती हैं. Tags: Local18, Mathura news, UP newsFIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 14:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed