युवक को उम्रकैद 75 साल में हुआ बरी कोर्ट सरकार पर क्यों ठोंका जुर्माना
युवक को उम्रकैद 75 साल में हुआ बरी कोर्ट सरकार पर क्यों ठोंका जुर्माना
Allahabad High Court News : यूपी में एक युवक को अपनी पत्नी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद उसने हाईकोर्ट में जाकर गुहार लगाई. साढ़े सात साल चले इस केस के बाद युवक को बरी कर दिया गया.
लखनऊः उत्तर प्रदेश से एक हैरान करने वाला केस सामने आया है. यहां एक युवक को अपनी पत्नी की हत्या में दोषी मानते हुए ट्रायल कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुना दी. वह साढ़े सात साल तक जेल में बंद रहा, लेकिन इस दौरान उसने हाईकोर्ट का रुख किया. जहां हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को गलत बताते हुए. युवक को बरी कर दिया. इतना ही नहीं बल्कि कोर्ट ने एक लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश भी राज्य सरकार को दिया है.
पत्नी की हत्या में उम्र कैद की सजा काट रहे पति को हाईकोर्ट ने बरी किया. हाईकोर्ट ने कहा कि बिना पत्नी की लाश साबित किए पति को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. साढ़े सात साल से अधिक समय से पति के जेल में बंद होने को कोर्ट ने अन्याय माना. हाईकोर्ट ने पति को एक लाख रुपये क्षतिपूर्ति देने का राज्य सरकार को आदेश दिया. सुनवाई कर रही बेंच के जज ने कहा कि अभियोजन ये साबित नहीं कर पाया कि जिस लाश को उसकी पत्नी की बताकर दोषी करार दिया है. वह उसकी पत्नी की थी भी या नहीं. अभियोजन पति को सजा दिलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं पेश कर सका.
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हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की ओर से दिया गया पांच साल पुराना फैसला गलत बताया. इसके साथ ही इतने लंबे समय से युवक के जेल में बंद रहने को कोर्ट ने अन्याय माना. कोर्ट ने कहा कि जेल में बिताई गई अवधि की भरपाई तो नहीं हो सकती, लेकिन सरकार पति को एक लाख रुपए क्षतिपूर्ति दे. बता दें कि 15 जनवरी 2017 को बहराइच के रिसिया थाने में सायरा बानो नाम की महिला की हत्या का मामला दर्ज हुआ था. सायरा बानो की 11 मई 2016 को हफीज से शादी हुई थी. कथित मृतका के परिवार वालों ने हफीज पर दहेज के लिए सायरा की हत्या का मामला दर्ज कराया था.
मामले में गांव के ही कन्नू खान की कब्र से एक लाश बरामद की गई. जिसे सायरा बानो की बहन शबाना और परवीन ने सायरा बानो की लाश बताया था. एडीजे कोर्ट बहराइच ने 27 मार्च 2019 को हफीज को पत्नी की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा सुना दी. इस सजा के खिलाफ हफीज ने हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में अपील दाखिल की थी. कब्र से बरामद लाश के शरीर पर कुछ कपड़े, धागा और ताबीज बरामद हुए थे, लेकिन अभियोजन साबित नहीं कर पाया कि वो चीजें सायरा बानो के ही थे. गवाहों से भी साबित नहीं हो पाया कि कपड़े मृतका के ही थे. लाश का चेहरा और शरीर ऐसा था कि उससे हो सके शिनाख्त. कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए हफीज को बरी किया.
Tags: Allahabad high court, Lucknow news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 10:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed