योगी सरकार दे रही नाव खरीदने का लिए मछुआरों को पैसा ऐसे उठाएं लाभ
योगी सरकार दे रही नाव खरीदने का लिए मछुआरों को पैसा ऐसे उठाएं लाभ
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर किसान और मजदूरों को स्वावलंबी बनाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में मछली पकड़ने वाले समुदाय को बेहतरीन सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए सरकार 67 हजार का सब्सिडी दे रही है.
रजनीश यादव /प्रयागराज: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर किसान और मजदूरों को स्वावलंबी बनाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है, तो वहीं, मछली पालन से भी जुड़े लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. सरकार की ओर से निषाद राज बोट सब्सिडी योजना चलाकर तबले में आने वाले लोगों को भी आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है. क्योंकि उत्तर प्रदेश में पर्याप्त जल संसाधन उपलब्ध होने के फलस्वरूप मत्स्य विकास की प्रचुर संभावनाएं मौजूद हैं. इसलिए सरकार की ओर से इस योजना को प्रमोट भी किया जा रहा है, जिसका लाभ इस प्रकार लिया जा सकता है.
ऐसे लोगों को मिलेगा योजना का लाभ
निषाद राज बोर्ड सब्सिडी योजना का लाभ मत्स्यपालको एवं मछुआरा समुदाय के व्यक्तियों को वरीयता के आधार पर दिया जा रहा है. जिन व्यक्तियों के द्वारा मछली का शिकार नदियों जलासयों में मछली प्रबंधन व संरक्षण के माध्यम से रोजगार एवं आजीविका के लिए जलाशयों, तालाबों और नदियों समेत अन्य जल संसाधनों में बिना इंजन की नाव यानी की लकड़ी की नाव से मछली का शिकार किया जाता है. वह इसका लाभ ले सकते हैं. इस तरह शिकार कर रहे मछुआरों को उनकी नाव पर सरकार की ओर से 40% अनुदान दिया जा रहा है. जिसमें वह अपनी नाव का निर्माण कार्य का एस्टीमेट बनाकर मत्स्य विभाग को पंजीकरण के माध्यम से भेजेंगे, जिस पर मत्स्य बोर्ड की तरफ से 67 हजार की सब्सिडी दी जाएगी.
जानें किन लोगों को मिलेगी सहायता
निषाद राज बोर्ड सब्सिडी योजना का प्रदेश में मत्स्य पालन एवं मछली के शिकार पर निर्भर निर्धन मछली पालकों और मछुआरों को जल क्षेत्र में शिकार करने के लिए तथा मछली पालन के लिए आर्थिक रूप से मजबूत व स्वावलंबी बनाए जाने का उद्देश्य है, तथा इसके साथ ही संबंधित जल क्षेत्र में अवैध रूप से शिकार को रोका जाएगा एवं उसको सहायता प्राप्त की जाएगी. वेंडर के माध्यम से इन लाभार्थियों को 67 हजार का अनुदान पात्रता के जांच के बाद दिया जाएगा.
लाभ पाने के लिए ऐसे करें आवेदन
इस योजना का लाभ लेने के लिए मत्स्य विभाग की वेबसाइट www.fishrires.up.gov.in पर जाकर मत्स्य पालकों को अपना आधार कार्ड फोटो बैंक का पासबुक एवं पैन कार्ड के साथ ही मांगी गई सभी जानकारी को भरना होगा. ध्यान रहे मछली पालन करने वाले मछुआरों के पास 0.4 हेक्टयर या उससे अधिक क्षेत्रफल का तालाब नहीं होना चाहिए.
यह लोग नहीं कर सकते आवेदन
इस योजना के वह लोग लाभार्थी नहीं होंगे, जो इसके पहले सरकार की किसी योजना का लाभ ले रहे हैं. बता दें कि इसमें लाभार्थियों का चयन वरीयता क्रम में किया जाता है, जिनमें प्रथम वरीयता में केवट, माला, निषाद, कश्यप, बाथम और रैकवार होंगे. उसके बाद ही अन्य लोगों को लाभ मिलेगा.
Tags: Allahabad news, Local18, Prayagraj News, Prayagraj News TodayFIRST PUBLISHED : July 8, 2024, 13:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed