अंग्रेजों के जमाने से निकल रही है रथ यात्रा 200 सालों में नहीं बदली ये बात

Jagannath Rath Yatra News : मेरठ की जगन्नाथ यात्रा अंग्रेज़ों के ज़माने में अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति के वक्त भी निकला करती थी. आज जब जगन्नाथ यात्रा निकाली गई तो भगवान की शोभा बस देखते ही बन रही थी. रथ के साथ साथ हज़ारों लोग जय जगन्नाथ का उदघोष कर रहे थे.

अंग्रेजों के जमाने से निकल रही है रथ यात्रा 200 सालों में नहीं बदली ये बात
मेरठ. यूं तो पुरी की जगन्नाथ यात्रा बेहद ऐतिहासिक होती है लेकिन मेरठ की जगन्नाथ यात्रा का इतिहास भी बेहद निराला है. यहां दो सौ वर्षों से लगातार जगन्नाथ यात्रा पूरे श्रद्धा भाव के साथ निकाली जाती रही है. मेरठ की जगन्नाथ यात्रा अंग्रेज़ों के ज़माने में अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति के वक्त भी निकला करती थी. आज जब जगन्नाथ यात्रा निकाली गई तो भगवान की शोभा बस देखते ही बन रहे थे. रथ के साथ साथ हज़ारों लोग जय जगन्नाथ का उदघोष कर रहे थे. मेरठ के ऐतिहासिक बिल्लेश्वार नाथ मंदिर से जगन्नाथ जी की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई. राज्य सभा सासंद डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी इस यात्रा में हिस्सा लेने पहुंचे. उन्होंने कहा कि परम्परा का निर्वाह इस शहर की जनता करना चाहती है. उन्होंने बताया कि उन्नीस सौ सत्तासी के दंगों में भी जगन्नाथ यात्रा निकाली गई थी. वो कहते हैं कि भगवान जगन्नाथ कलयुग के देवता है. डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि ये ईश्वर का कार्य है किसी के रोके नहीं रुकेगा. शहर के मुख्‍य मार्गों से घूमती है रथ यात्रा श्रद्धालु पवन गर्ग कहते हैं कि जगन्नाथ यात्रा के प्रसाद को महाप्रसाद कहा जाता है. जग पसारे हाथ जगन्नाथ जी का भात. जो भी इस प्रसाद को ग्रहण करता है उसके जन्म जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं. शहर के कई क्षेत्रों में यात्रा श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए घूमती है. विशेष रुप से भगवान के रथ का श्रंगार किया जाता है. वो कहते हैं कि ऐसा रथ हिंदुस्तान के चुनिंदा जगहों में है. चांदी के बने हुए रथ पर भगवान विराजमान होते हैं. जय बाबा जगन्नाथ. जय बहन सुभद्रा. जय बलभद्र जी. भगवान जगन्नाथ के भोग में चढ़ता है खास प्रसाद ओडिशा में एक प्रचलित कथा के अनुसार भगवान जगन्‍नाथ अपने भक्‍तों को कभी निराश नहीं करते और उनके लिए अमीर-गरीब सब बराबर हैं. एक गरीब महिला ने अपने घर में जब भगवान को खिचड़ी का प्रसाद चढ़ाया तो यह प्रसाद मंदिर के अंदर विराजमान भगवान के होठों पर लग गया था. इसे देखकर पंडित और पु‍जारी हैरान रहे गए थे और तब से ही भगवान को भात का प्रसाद चढ़ाया जाता है. इसको लेकर एक कहावत भी प्रसिद्ध है कि ‘जगन्नाथ के भात को जगत पसारे हाथ’. इस प्रसाद के लिए भक्‍त कतार में लगकर इंतजार करते हैं. Tags: Hindi news, Hindi samachar, Jagannath Rath Yatra, Jagannath rath yatra news, Lord jagannath rath yatra, Meerut city news, Meerut Latest News, Meerut news today, UP news, Up news todayFIRST PUBLISHED : July 7, 2024, 16:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed