Sarkari Naukri: कोई 8 साल तो कोई 5 साल से देख रहा सरकारी नौकरी का ख्वाब!

Sarkari Naukri: उत्‍तर प्रदेश का प्रयागराज. इस शहर की सड़कों पर या तो आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं का झुंड दिख जाएगा या किताबों की कतारें. यहां पर काफी संख्‍या में युवा वर्षों से रहकर सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. न्‍यूज 18 ने यहां के प्रतियोगी छात्रों के बीच जाकर बातचीत की. पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट...

Sarkari Naukri: कोई 8 साल तो कोई 5 साल से देख रहा सरकारी नौकरी का ख्वाब!
Sarkari Naukri ki Taiyari:कटरा से लेकर यूनिवर्सिटी चौराहे तक कदम-कदम पर कोचिंग क्‍लासेज और किताब की दुकानें यहां आम हैं. पूर्व यूपी के जिले देवरिया बलिया से लेकर बिहार के न जाने किन किन जिलों से युवा यहां या तो यहां सरकारी नौकरी का ख्‍वाब पूरा करने आते हैं या पूरब का ऑक्‍सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने. आलम यह है कि यहां कोई 7 साल से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है, तो कोई एक दो साल से अपने सपने को साकार करने में जुटा है. जब न्‍यूज 18 की टीम ने प्रयागराज के प्रतियोगी स्‍टूडेंटस से मुलाकात की तो कई दिलचस्‍प बातें निकलकर सामने आईं. यहां से कुछ बनकर ही जाना है प्रयागराज के कटरा इलाके में ढ़ेरों लॉज हैं. एक लॉज में दर्जन भर कमरे और हर कमरे में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्‍चे. इसी तरह के लॉज में जब हम घुसे तो यहां हमारी मुलाकात अरुण यादव से हो गई. अरुण यहां शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं. पिछले 7 साल से वह प्रयागराज में रहकर सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं. बीए, बीएड और आईटीआई की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं. कई परीक्षाओं में प्रयास किया लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी. कहते हैं- हार नहीं मानूंगा, यहां से कुछ बनकर ही जाना है. वह आजमगढ़ के ढेकमा लालगंज के रहने वाले हैं. उनके पिताजी मुंबई में ऑटो रिक्शा चलाते हैं. तीन भाइयों में वह सबसे छोटे हैं. बड़ी मुश्किल से पिताजी हर महीने उन्हें खर्च भेजते हैं. मकान किराया हो रहा महंगा अरुण यादव कहते हैं कि प्रयागराज में भी मकान का किराया काफी महंगा हो रहा है. हर साल यहां 10 फीसदी रुम रेंट बढ जा रहा है. वह कहते हैं कि चार-पांच साल से शिक्षक भर्ती नहीं आई है. उन्हें अब यह समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करें. अरुण यादव का कहना है कि कई बार निराशा भी होती है, लेकिन घर वालों की उम्मीदों को देखकर तैयारी से पीछे हटने का मन नहीं करता है. पिताजी गांव में चलाते हैं मिठाई की दुकान कर्नलगंज कटरा इलाके के एक दूसरे लॉज में हमारी मुलाकात अभिषेक और अभिनव से हुई. ये दोनों भाई रहने वाले तो आजमगढ़ के लालगंज के हैं लेकिन प्रयागराज में सरकारी नौकरी पाने का सपना पूरा करने आए हैं. दोनों यहां 6 साल से रह रहे हैं. अभिषेक के परिवार की स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं है. पिताजी गांव में मिठाई की दुकान चलाते हैं. बमुश्किल दोनों भाइयों के लिए हर महीने का खर्च भेजते हैं. अभिषेक बताते हैं कि उन्हें खर्च पूरा करने के लिए ट्यूशन भी पढ़ाना पड़ता है. 8 साल से मनोज कर रहे तैयारी मम्‍फोर्डगंज में हमारी मुलाकात मनोज तिवारी से हुई. मनोज यहां किराए का कमरा लेकर रहते हैं. एक छोटे से कमरे में उनकी पूरी दुनिया बसी हुई है. कमरे में एक कोने पर सोने के लिए बिस्तर लगा रखा है, तो वहीं एक तरफ एक छोटी सी मेज और किताबें रखी हुई है. कमरे के एक कोने में भोजन की तैयारी है. मनोज बताते हैं कि पिछले आठ साल से वह प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं. यूपी पीसीएस की परीक्षा में वह प्रारंभिक परीक्षा पास भी कर चुके हैं, लेकिन फाइनल सलेक्शन नहीं हो सका है. उन्होंने बीएससी के साथ बीएड कर रखा है, इसलिए सिविल सर्विसेज के साथ ही शिक्षक भर्ती की भी तैयारी कर रहे हैं. मनोज के पिता गांव में खेती-बाड़ी करते हैं. मनोज, पिछले 5 वर्षों से शिक्षक भर्ती भी ना आने से मायूस हैं. Tags: Government jobs, Govt Jobs, Jobs, Jobs news, Sarkari Naukri, State Govt Jobs, UP Jobs, UPSCFIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 14:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed