ड्रैगन फ्रूट की खेती पर मिल रही 40 फीसदी सब्सिडी 15 साल तक मिलेगा फायदा!
ड्रैगन फ्रूट की खेती पर मिल रही 40 फीसदी सब्सिडी 15 साल तक मिलेगा फायदा!
उद्यान विभाग का यह प्रयास है कि ड्रैगन फ्रूट की खेती से छोटे किसानों को भी जोड़ा जाए. उद्यान अधिकारी संदीप गुप्ता बताते हैं कि छोटे-छोटे किसानों को भी सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी. इसकी खेती से किसान खासा मुनाफा कमा सकते हैं. इस खेती के लिए किसानों को ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है
सुशील सिंह/मऊ: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है. अगर एक हेक्टेयर जमीन पर ड्रैगन फ्रूट की खेती की जाए, तो 125000 रुपए तक का खर्च आता है. राज्य सरकार की ओर से इस पर 40 फ़ीसदी की छूट दी जा रही है.
उद्यान विभाग का यह प्रयास है कि ड्रैगन फ्रूट की खेती से छोटे किसानों को भी जोड़ा जाए. उद्यान अधिकारी संदीप गुप्ता बताते हैं कि छोटे-छोटे किसानों को भी सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी. इसकी खेती से किसान खासा मुनाफा कमा सकते हैं. इस खेती के लिए किसानों को ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है
15 साल तक लाभ देती है ये खेती
आगे उन्होंने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती कहीं भी शुष्क जलवायु में की जा सकती है. बस खेत ऐसा होना चाहिए जहां पर पानी न लगता हो. उन्होंने कहा कि ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का एक खास तरीका है, जिसका पालन करना काफी लाभकारी हो सकता है. सबसे खास बात यह है कि अगर इस फसल को एक बार लगा दिया जाए तो उसे 10 से 15 साल तक लाभ कमाया जा सकता है.
ड्रैगन खेती का बढ़ रहा क्रेज
ड्रैगन फ्रूट की खेती करने से फसल तो हासिल होगी ही, इसके साथ पौधा भी आपके काम आएगा. आप एक निरंतर आय हासिल करते रहेंगे. ड्रैगन फ्रूट की खेती वाकई बेहद लाभकारी है. वैसे तो यह विदेशी प्रजाति की फसल है, जिसकी खेती पूर्वांचल में अब शुरू की जा रही है. साउथ ईस्ट एशिया में ऐसा देखा गया है कि बहुत से लोग ड्रैगन फ्रूट्स की खेती करते हैं. लेकिन, अब तो हमारे यहां भी यह फसल उगाई जा रही है. मिर्जापुर, बनारस, इलाहाबाद और कौशांबी में भी लोग अब इस फसल को उगाने लगे हैं. ऐसे में हमारी सलाह है कि मऊ के किसान भी इसे जरूर अपनाएं.
Tags: Agriculture, Kisan, Local18, Mau newsFIRST PUBLISHED : July 1, 2024, 16:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed