खरीफ के सीजन में किसान करें इस फसल की खेती बंपर होगी पैदावार खूब होगा मुनाफ़ा
खरीफ के सीजन में किसान करें इस फसल की खेती बंपर होगी पैदावार खूब होगा मुनाफ़ा
खरीफ के सीजन में होने वाली मक्का की फसल किसानों के लिए बेहद मुनाफे वाली होती है. क्योंकि मानसून का सीजन होने के कारण किसानों को सिंचाई की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती और कम लागत में अच्छा उत्पादन भी मिल जाता है.
सौरभ वर्मा/रायबरेली: खरीफ की फसल का सीजन चल रहा है. धान की फसल इस सीजन की मुख्य फसलों में से एक मानी जाती है. परंतु कई ऐसी दलहनी फसले भी हैं, जो खरीफ के सीजन में होती हैं. जिनकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमाते हैं. इन फसलों में मक्का ,कपास, सोयाबीन समेत कई अन्य फसलें आती हैं. लेकिन खरीफ के सीजन में होने वाली मक्का की फसल किसानों के लिए बेहद मुनाफे वाली होती है. क्योंकि मानसून का सीजन होने के कारण किसानों को सिंचाई की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती और कम लागत में अच्छा उत्पादन भी मिल जाता है. मक्के से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसानों को कृषि विशेषज्ञों की सलाह जानना बेहद जरूरी है.
कृषि के क्षेत्र में 15 वर्षों का अनुभव रखने वाले खुशहाली कृषि संस्थान रायबरेली के पूर्व प्रबंधक अनूप शंकर मिश्रा (Msc.Ag) बताते हैं कि खरीफ के सीजन में धान की फसल के अलावा किसान मक्का, कपास, सोयाबीन की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. जिसमें मक्का की खेती करने वाले किसानों को सबसे पहले उनकी उन्नत किस्म के बारे में जानना जरूरी होता है. जिससे उन्हें नुकसान ना उठाना पड़े .वह बताते हैं कि मक्के को खाद्यान्न की रानी कहा जाता है. इसका उपयोग लोगों के खाने से लेकर जानवरों के चारे तक में इस्तेमाल होता है. जिसकी वजह से बाजारों में इसकी मांग अधिक रहती है. जिससे यह अच्छे दामों में आसानी से बिक जाता है.
बुवाई का यह है उचित समय
वह बताते हैं कि खरीफ के सीजन में मक्का की बुवाई का इस समय 15 जून से 15 जुलाई तक का माना जाता है .साथ ही इसके लिए बलुई दोमट मिट्टी के साथ खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था हो. जिससे खेत में पानी न भरने पाए.
इस विधि से करें बुवाई
इसकी बुवाई के बारे में जानकारी देते हुए बताते हैं कि उन्नत किस्म की लक्ष्मी 405 प्रजाति का मक्का की एक एकड़ जमीन में 8 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है. साथ इस कतारबद्ध तरीके से बुवाई करें. तो इसके पैदावार में भी बढ़ोतरी होगी. वह बताते हैं कि कतार से कतार के बीच की दूरी 55 से 60 सेमी एवं पौधे से पौधे की दूरी 20 सेमी पर होनी चाहिए. जिससे अधिक पैदावार मिलेगी.
यह है उन्नति प्रजाति
LOCAL 18 से बात करते हुए अनूप शंकर मिश्रा बताते हैं कि खरीफ के सीजन में मक्के की प्रजाति लक्ष्मी 405 उन्नत किस्म की प्रजाति मानी जाती है. जो बुवाई के 110 से 120 दिन के अंतराल पर पक कर तैयार हो जाती है. इसकी खासियत यह है कि इसका तना बड़ा मजबूत होता है. जिससे इसके गिरने की संभावना नहीं होती है. साथ ही वह बताते हैं कि इसके एक भुट्टे में 18 से 20 लाइन तक के दाने होते हैं .यह प्रजाति रोग प्रतिरोधी किस्म की होती है. साथ ही बारिश के मौसम में इसकी खेती अच्छी इसलिए मानी जाती है. 1 एकड़ में यह प्रजा 25 से 30 कुंतल तक पैदावार देती है .
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 9, 2024, 08:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed