88 घाटों वाले यूपी के इस शहर पर क्यों फिदा हैं विदेशी पर्यटक
88 घाटों वाले यूपी के इस शहर पर क्यों फिदा हैं विदेशी पर्यटक
Varanasi Famous Ghat History: बीएचयू के टूरिज्म डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रवीण सिंह राणा ने बताया कि इन घाटों का निर्माण 11 वीं सदी के बाद से शुरू हुआ. यहां गंगा तट पर बसे हर घाट का अपना ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है.
वाराणसी: वाराणसी, जिसे बनारस और काशी के नाम से भी जाना जाता है, विश्व भर में अपने अनगिनत घाटों के लिए प्रसिद्ध है. यह पवित्र नगरी गंगा नदी के किनारे बसी है और यहां 88 से अधिक घाट हैं. यही कारण है कि वाराणसी विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है.
वाराणसी के घाटों का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है. हर घाट का अपना एक इतिहास और महत्व है. दशाश्वमेध घाट, मणिकर्णिका घाट, अस्सी घाट और हरिश्चंद्र घाट जैसे प्रमुख घाटों पर प्रतिदिन हजारों भक्त और पर्यटक आते हैं. ये घाट गंगा आरती, धार्मिक अनुष्ठान और ध्यान के लिए जाने जाते हैं. बीएचयू के टूरिज्म डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रवीण सिंह राणा ने बताया कि इन घाटों का निर्माण 11 वीं सदी के बाद से शुरू हुआ. यहां गंगा तट पर बसे हर घाट का अपना ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है.
विदेशी पर्यटकों के लिए क्यों खास है बनारस
प्रवीण सिंह राणा ने बताया विदेशी पर्यटकों के लिए वाराणसी एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है. यहां की प्राचीन संस्कृति, धार्मिक अनुष्ठान और गंगा आरती का दृश्य विदेशी पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है. प्रोफेसर प्रवीण सिंह राणा के अनुसार, “विदेशी पर्यटक वाराणसी में भारतीय संस्कृति और धार्मिक अनुष्ठानों का अनुभव करने के लिए आते हैं. यहां की गंगा आरती और संध्या पूजा का अनुभव अनोखा होता है.
क्या सीखने और देखने आते हैं विदेशी
1. गंगा आरती : वाराणसी की गंगा आरती विश्व में हर जगह फेमस है. हर शाम दशाश्वमेध घाट पर होने वाली इस आरती को देखने के लिए लाखों लोग आते हैं. विदेशी पर्यटक इसे देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं और इसकी दिव्यता का अनुभव करते हैं.
2. ध्यान और योग : वाराणसी ध्यान और योग के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां के घाटों पर ध्यान करने वाले साधु और योगी पर्यटकों को योग और ध्यान की शिक्षा देते हैं.
3. सांस्कृतिक कार्यक्रम : वाराणसी में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिनमें विदेशी पर्यटक बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर और संकटमोचन मंदिर में होने वाले संगीत और नृत्य कार्यक्रम पर्यटकों को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराते हैं.
4. इतिहास और वास्तुकला : वाराणसी के घाट और मंदिर अद्वितीय वास्तुकला के उदाहरण हैं. यहां का इतिहास और प्राचीन मंदिर विदेशी पर्यटकों को भारतीय इतिहास और वास्तुकला के प्रति आकर्षित करते हैं.
बनारस की खूबसूरती पर फिदा हैं विदेशी पर्यटक
प्रोफेसर प्रवीण सिंह राणा ने बताया, “वाराणसी एक ऐसा स्थान है जहां हर मोड़ पर भारतीय संस्कृति और आध्यात्म की झलक मिलती है. यही कारण है कि विदेशी पर्यटक यहां आकर अपने जीवन को धन्य मानते हैं. हर विदेशी पर्यटक की चाह होती है वो यहां के सुबह-ए-बनारस की खूबसूरती और शाम में गंगा आरती की भव्यता जरूर देखें.’
Tags: Local18, Uttar pradesh news, Varanasi Ganga Aarti, Varanasi news, Varanasi TempleFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 19:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed