UP में लागू है लिफ्ट एक्ट फिर भी नोएडा के अपार्टमेंट्स में क्यों हो रहे हादसे

फ्ट हादसा होने पर बिल्डिंग स्वामी को 24 घंटे के भीतर डीएम, संबंधित प्राधिकरण और स्थानीय कोतवाली को इसकी जानकारी देनी होगी. कानून स्थानीय विकास निकायों और प्राधिकरणों द्वारा लागू किया जाएगा.

UP में लागू है लिफ्ट एक्ट फिर भी नोएडा के अपार्टमेंट्स में क्यों हो रहे हादसे
नोएडाः नोएडा और ग्रेटर नोएडा में तमाम हाई-राइजिंग अपार्टमेंट्स हैं, जिसमें लाखों लोग फ्लैट लेकर रहते हैं और अपने घरों में आवागमन के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल करते हैं. पिछले कुछ महीनों से नोएडा और ग्रेटर नोएडा की अलग-अलग सोसाइटी में लिफ्ट से जुड़ी घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. हाल ही में नोएडा सेक्टर 137 के पारस टेरिया सोसाइटी में लिफ्ट का ब्रेक फेल होने से लिफ्ट छत को तोड़ते हुए सबसे ऊपर पहुंच गई. हालांकि गनीमत रही की कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ. केवल तीन-चार लोगों को हल्की चोट आई थी. इससे पहले साल 2023 के अगस्त महीने में लिफ्ट हादसे में केबल टूटने से 70 वर्षीय सुशीला देवी की मौत हो गई थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यूपी की योगी सरकार इस साल यूपी लिफ्ट एंड एस्क्लेटर बिल लाई है. यह बिल अपार्टमेंट और फ्लैट में रहने वाले लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लाया गया था. जानें क्या है लिफ्ट एक्ट 2024 नोएडा व ग्रेटर नोएडा की बहुमंजिला इमारतों मं लगी लिफ्ट के गिरने के हादसे की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार ने लिफ्ट एक्ट 2024 को लागू किया. इसके तहत लिफ्ट हादसा होने पर बिल्डिंग स्वामी को 24 घंटे के भीतर डीएम, संबंधित प्राधिकरण और स्थानीय कोतवाली को इसकी जानकारी देनी होगी. कानून स्थानीय विकास निकायों और प्राधिकरणों द्वारा लागू किया जाएगा. इस एक्ट के तहत लिफ्ट लगाने वाली कंपनी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. साथ ही लिफ्ट लगाने वाली एजेंसियों को नियमित आपातकालीन ड्रिल का संचालन करना आवश्यक किया गया है. नए एक्ट के मुताबिक लिफ्टों में ऑटोमैटिक रेस्क्यू डिवाइस और सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है. साथ ही अब एनुअल मेंटनेंस कॉन्ट्रैक्ट करना अनिवार्य है, जिसका मतलब यह है कि अब बिल्डर और एओए को नियमित तौर पर लिफ्ट की जांच करानी होगी और इसकी जानकारी प्राधिकरण को देनी होगी. आपातकालीन स्थिति में किसी के फंसने और सुरक्षित बाहर निकालने के लिए साल में दो बार माक ड्रिल कराना होगा. लिफ्ट लगने के बाद इसके संचालन से पहले राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किसी अधिकारी को इसकी जानकारी देनी होगी. साथ ही लिफ्ट में किसी भी तरह की खराबी आने पर तकनीकी टीम या किसी खराबी के दूर करने की दशा में एएमसी तकनीक टीम से प्रमाण पत्र लेना होगा. प्रत्येक रजिस्ट्रेशन की अवधि लिफ्ट या एस्कलेटर के संपूर्ण जीवनकाल के लिए होगी. Tags: Noida news, UP newsFIRST PUBLISHED : May 16, 2024, 07:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed