मोदी 30 के पहले बजट में यूपी को क्या मिला क्यों गलत नहीं हैं विपक्ष के दावे
मोदी 30 के पहले बजट में यूपी को क्या मिला क्यों गलत नहीं हैं विपक्ष के दावे
Budget 2024: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार बचाने के लिए बिहार और आंध्र प्रदेश को कुछ मिला भी है. लेकिन जो प्रदेश देश को प्रधानमंत्री देता है, वहां किसानों के लिए कोई घोषणा नहीं हुई. आधी अधूरी नौकरी की बात हो रही है. इस सरकार ने पिछले 10 साल में बेरोजगार पैदा किये हैं.
हाइलाइट्स वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को योगी सरकार के तीसरे कार्यकाल का बजट पेश किया आज पेश हुए बजट में देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के लिए अलग से कुछ नहीं मिला
लखनऊ. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को योगी सरकार के तीसरे कार्यकाल का बजट पेश किया. इसी के साथ उन्होंने लगातार सातवीं बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड भी बनाया. आज पेश हुए बजट में देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के लिए अलग से कुछ नहीं मिला. जिसके बाद विपक्ष बीजेपी पर निशाना साधता दिखा. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार बचाने के लिए बिहार और आंध्र प्रदेश को कुछ मिला भी है. लेकिन जो प्रदेश देश को प्रधानमंत्री देता है, वहां किसानों के लिए कोई घोषणा नहीं हुई. आधी अधूरी नौकरी की बात हो रही है. इस सरकार ने पिछले 10 साल में बेरोजगार पैदा किये हैं.
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी आज पेश हुए बजट पर सरकार पर हलवार दिखे. उन्होंने कहा कि वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद हैं. क्या मिला इस बजट में? मुझे नहीं लगता की एक भी उद्योग स्थापित होने की घोषणा की गई. यूपी को क्या मिला. मेरी जानकारी में तो कुछ भी नहीं. यह बजट निराशाजनक है. दरअसल, आज पेश किये गए बजट में मिडिल क्लास को जो राहत मिलने की उम्मीद थी वह नहीं मिली.
मायावती ने बजट को बताया निराशाजनक
उधर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी आम बजट को निराशाजनक बताया और कहा कि “संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु ‘अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा।” मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आगे लिखा, “देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहां के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव”. बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा?”
मायावती ने कहा कि “देश का विकास व लोगों का उत्थान आंकड़ों के भूल भुलैया वाला न हो, बल्कि लोगों को त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए रोजगार के अवसर, जेब में खर्च के लिए पैसे/ आमदनी जैसी बुनियादी तरक्की सभी को मिलकर महसूस भी हो. रेलवे का विकास भी अति-जरूरी. सरकार बीएसपी सरकार की तरह हर हाथ को काम दे.
BKU नेता भी बजट से दिखे निराश
उधर भारतीय किसान यूनियन के नेता भी बजट से निराश दिखे. BKU नेता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि बजट में कृषि पर फोकस के बाद भी उम्मीदें पूरी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि न किसान सम्मान निधि बढ़ी और न ही PM फसल बीमा योजना की किश्त घटी. बजट में MSP दोगुनी के ऐलान की उम्मीद लगाए बैठे थे किसान. धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि प्राकृतिक खेती से गरीब किसानो को फायदा नहीं मिलता. प्राकृतिक खेती से सिर्फ कृषि NGO और बड़ी कंपनियों को फायदा मिलेगा. बजट से किसानों के हाथ फिर मायूसी लगीहै. जब कृषि मंत्री को दाल की कीमत ही नहीं पता, तो बजट से क्या उम्मीद रखें.
एक्सपर्ट ने बताया विकासोन्मुख बजट
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट लेकर लोगों की अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. लोगों का मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में हर वर्ग का पूरा ध्यान रखा है. चार्टर्ड अकाउंटेंट मनीष धर द्विवेदी के मुताबिक यह बजट विकासोन्मुख और सर्वसमावेशी है. यह बजट हर वर्ग को संतुष्ट करने वाला है. कहा इनकम टैक्स को लेकर भी बड़े बदलाव किए गए हैं. इसके साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा भी 50 हजार से बढ़कर 75 हजार कर दी गई है. धारा 80 C के तहत भी मिलने वाली छूट डेढ़ लाख से बढ़ाकर 2 लाख कर दी गई है.
Tags: Lucknow news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : July 23, 2024, 15:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed