एक लखनऊ दो मिजाज शहर में कहीं ठंडक तो कहीं गर्मी की तीखी मार मौसम वैज्ञानिक ने बताई वजह
एक लखनऊ दो मिजाज शहर में कहीं ठंडक तो कहीं गर्मी की तीखी मार मौसम वैज्ञानिक ने बताई वजह
लोकल18 ने जब चौक शहर का तापमान नापा, तो वहां पर अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ. वक्त दोपहर के 2:00 बजे दिन था. उसी वक्त हजरतगंज का तापमान नापा गया तो यहां पर 37 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रिकॉर्ड हुआ.
अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ:उत्तर प्रदेश में इन दिनों गर्मी तांडव मचा रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के वातावरण में एक अजीब बदलाव देखने के लिए उस वक्त मिला जब लोकल18 ने शुक्रवार को एक ही वक्त पर अलग-अलग इलाकों का तापमान जांचा. उस वक्त लखनऊ शहर के तीन अलग इलाकों में एक ही वक्त अलग-अलग तापमान देखने के लिए मिला. कुकरैल जोकि फॉरेस्ट इलाका है और पेड़ों से घिरा हुआ है, वहां पर तापमान कम रिकॉर्ड हुआ. जबकि चौक जैसा व्यस्त इलाका थोड़ा गर्म रहा और सबसे गर्म हजरतगंज पाया गया. तीनों इलाकों के अधिकतम तापमान में एक-एक डिग्री सेल्सियस का अंतर मिला.
दरअसल, लोकल18 ने जब चौक शहर का तापमान नापा, तो वहां पर अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ. वक्त दोपहर के 2:00 बजे दिन था. उसी वक्त हजरतगंज का तापमान नापा गया तो यहां पर 37 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रिकॉर्ड हुआ. ठीक 2:00 बजे शुक्रवार के दिन लखनऊ शहर में ही मौजूद कुकरैल फॉरेस्ट क्षेत्र का अधिकतम तापमान जांचा गया तो यहां का अधिकतम तापमान ठीक उसी वक्त 35 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ, जोकि मुख्य शहर से दो डिग्री सेल्सियस कम था. आखिर ऐसा क्यों हुआ. यही जानने के लिए जब लखनऊ मौसम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह से बात की गई, तो उन्होंने चौंकाने वाली वजह बताई.
तापमान कम रिकॉर्ड होने की वजह
डॉ. अतुल कुमार सिंह जोकि लखनऊ मौसम केंद्र में मौसम वैज्ञानिक हैं, उन्होंने बताया कि यह स्वाभाविक है अगर आप एक ही वक्त पर एक ही दिन अलग-अलग इलाकों में तापमान को जांचते हैं, तो अगर आप किसी फॉरेस्ट एरिया का तापमान जांचते हैं तो यह स्वाभाविक है कि वहां का अधिकतम तापमान मुख्य शहर से थोड़ा कम रिकॉर्ड होगा. इसकी वजह यह है कि फॉरेस्ट एरिया पेड़ों से घिरा होता है. पेड़ों से घिरा होने की वजह से सूर्य की सीधी किरण वहां नहीं पहुंच पाती हैं. इस वजह से वहां का वातावरण और माहौल थोड़ा ठंडा होता है.
तापमान ज्यादा रिकॉर्ड की वज़ह
उन्होंने बताया कि जबकि आप मुख्य शहर में जब जाएंगे, जहां पर कंक्रीट का काम ज्यादा है. ऊंची ऊंची बिल्डिंग हैं. ट्रैफिक ज्यादा है तो वहां पर हीट की वजह से अधिकतम तापमान फॉरेस्ट एरिया के मुकाबले दो से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक मिलेगा ही. वहां पर सूरज की सीधी किरणें पड़ रही हैं. ट्रैफिक की वजह से भी गर्माहट पैदा हो रही है और ऊंची ऊंची बिल्डिंग में लगे एसी की वजह से भी एक गर्माहट वातावरण को मिल रही है.
Tags: Hindi news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : June 23, 2024, 13:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed