बदमाशों के लिए काल 70 से अधिक एनकाउंटर जानिए ये पूर्व IPS अब क्या कर रहा
बदमाशों के लिए काल 70 से अधिक एनकाउंटर जानिए ये पूर्व IPS अब क्या कर रहा
राजेश पांडेय ने खास बातचीत में बताया कि वह प्रयागराज के रहने वाले हैं. किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. पूरे खानदान में कोई भी कभी पुलिस विभाग जैसे अधिकारी पदों पर नहीं रहा. वह अपने परिवार के पहले आईपीएस अफसर हैं.
लखनऊ /अंजलि सिंह राजपूत: उत्तर प्रदेश में यूं तो कई आईपीएस अफसर हमेशा अपने अच्छे काम के लिए चर्चा में रहे हैं. लेकिन आज जिनकी बात करने जा रहे हैं, उनका नाम है राजेश पांडेय. ये 70 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं, जिसमें श्री प्रकाश शुक्ला जैसे बड़े अपराधियों का नाम शामिल है.
राजेश पांडेय ने खास बातचीत में बताया कि वह प्रयागराज के रहने वाले हैं. किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. पूरे खानदान में कोई भी कभी पुलिस विभाग जैसे अधिकारी पदों पर नहीं रहा. वह अपने परिवार के पहले आईपीएस अफसर हैं. उन्होंने बताया कि उनके पिता चंद्र प्रकाश पांडेय हाईकोर्ट में डिप्टी रजिस्ट्रार थे. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 1983 में बायो से बीएससी की. फिर बॉटनी से एमएससी. नेट जेआरएफ करने के बाद दिल्ली में नौकरी करने चले गए. लेकिन, दिल्ली में मन नहीं लगा तो वापस आ गए और सिविल सर्विस की तैयारी करने लगे. तीन प्रयासों में उनका नहीं हुआ.
पहला एनकाउंटर सोनभद्र में किया
राजेश पांडेय ने बताया कि सन 1986 बैच के वह पीपीएस अफसर हुए, तो पहली पोस्टिंग उन्हें सोनभद्र के एक आदिवासी इलाके में मिली. यहां पर वह अपनी पत्नी के साथ जाकर रह रहे थे कि वहां कुछ महिलाएं आईं और उनकी पत्नी से एक 13 साल की बच्ची की रेप की बात बताई. इसे सुनकर उनकी पत्नी बेहद डर गईं. पत्नी ने यह तक कह दिया था कि उन्हें यहां नहीं रहना है. यह सब सुनकर राजेश पांडेय ने उस रेपिस्ट के बारे में पता लगाया तो पता चला कि रेपिस्ट लोकल विधायक का भाई है. पूरे इलाके में उसकी दहशत रहती है. इसके बाद उन्होंने और उनकी टीम ने उसे खोजना शुरू किया. एक दिन वह मिला तो उसने पुलिस को देखकर सबसे पहले फायरिंग कर दी. जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की, जिसमें वह रेपिस्ट मारा गया.
मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की जान बचाई
राजेश पांडेय ने बताया कि 90 के दशक में 23 साल का लड़का, जो गोरखपुर का रहने वाला था. नाम था श्री प्रकाश शुक्ला, जिसकी दहशत बहुत ज्यादा थी. क्योंकि, उसने तत्कालीन यूपी मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की हत्या तक की सुपारी ले ली थी. और बिहार में मंत्री बृज बिहारी की भी हत्या कर चुका था. इसके अलावा बाहुबली वीरेंद्र शाही की भी हत्या इसी ने की थी. ऐसे में इसको ठिकाने लगाने के लिए एसटीएफ का गठन हुआ, उसमें जो संस्थापक टीम थी उसके राजेश पांडेय सदस्य थे. फिर गाजियाबाद में एक दिन श्री प्रकाश शुक्ला को पुलिस ने मार गिराया. इसके बाद उनका प्रमोशन हुआ और 2003 बैच के वह आईपीएस अफसर बने. फिर लगातार लखनऊ से लेकर 6 जिलों में एसपी रहे. पांच जिलों में एसएसपी रहे. एटीएस और एसटीएफ की संस्थापक टीम के सदस्य रहे और 1999 से लेकर 2016 तक चार बार राष्ट्रपति की ओर से पुलिस वीरता पदक प्रदान किया गया.
अब यूटूबर बने
फिलहाल, राजेश पांडेय इन दिनों लखनऊ की प्राचीन हनुमान मंदिर की ट्रस्टी टीम में भी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. इसके अलावा यूटूबर भी हैं. यहां पर उनके 95 हजार सब्सक्राइबर हो चुके हैं और अपने करियर की पूरी कहानी वह वहां पर सुनाते हैं, जिसे लोग खूब पसंद करते हैं.
Tags: Local18, Lucknow news, UP newsFIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 14:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed