धान की बुवाई से पहले मिट्टी और गोबर से करें ये छोटा सा काम नहीं तो
धान की बुवाई से पहले मिट्टी और गोबर से करें ये छोटा सा काम नहीं तो
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के विशेषज्ञ डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि मृदा शोधन के बाद भूमि जनित रोगों से बचाव होता है. पौधे की जड़ों का विकास अच्छा होता है. वायुमंडलीय नाइट्रोजन का यौगिकीकरण होता है. इसके अलावा अघुलनशील पोषक तत्व घुलनशील अवस्था में आते हैं.
शाहजहांपुर: लगातार रसायन आधारित खेती की वजह से भूमि की उर्वरक शक्ति में गिरावट आ रही है. साथ ही भूमि की संरचना भी खराब होती जा रही है. इसके अलावा भूमि में कई तरह के रोग कारक जीवाणु, कवक और अन्य अशुद्धियां इकट्ठी होती रहती हैं. इन सभी से बचाव के लिए मृदा शोधन करना बेहद जरूरी है. मृदा शोधन से फसल में रोग नहीं लगते और उनको फसल से अच्छा उत्पादन मिलता है. ऐसे में जरूरी है कि किसान धान की रोपाई से पहले मृदा शोधन कर लें.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के विशेषज्ञ डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि मृदा शोधन के बाद भूमि जनित रोगों से बचाव होता है. पौधे की जड़ों का विकास अच्छा होता है. वायुमंडलीय नाइट्रोजन का यौगिकीकरण होता है. इसके अलावा अघुलनशील पोषक तत्व घुलनशील अवस्था में आते हैं. जिसे पौधे आसानी से ग्रहण करते हैं. पर्यावरण प्रदूषण से भी कमियां आती है. भूमि का स्वास्थ्य और उत्पादकता बढ़ती है. मिट्टी की जल धारण क्षमता में इजाफा होता है. मिट्टी उर्वरक शक्ति बढ़ती है. इसके अलावा मिट्टी के रासायनिक गुण, भूमि की घनायन विनिमय क्षमता और बफर क्षमता में बढ़ोतरी होती है.
ऐसे करें मृदा शोधन?
धान की रोपाई से पहले मृदा शोध करने के लिए खेत की गहरी जुताई करें. खेत को कुछ दिनों के लिए खुला छोड़ दें. उसके बाद डिस्क हैरो से खेत को जोत कर मिट्टी को भुरभुरा बना लें. फिर 1 क्विंटल गोबर की सड़ी खाद में 2 से 2.5 किलोग्राम ट्राइकोड्रमा को मिलाकर जूट के बोरों से ढक दें. ढकने के बाद नमी बनाए रखने के लिए पानी का छिड़काव करते रहें. 8 से 10 दिन के बाद कल्चर बनकर तैयार हो जाएगा. तैयार हुए कल्चर को शाम के समय खेत में बिखेर कर तुरंत कैल्टीवेटर से जुताई करने के बाद पाटा लगाकर खेत को समतल कर लें. उसके बाद अपनी सुविधा अनुसार क्यारियां बनाकर धान की रोपाई कर सकते हैं.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 11, 2024, 17:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed