इंग्लिश को दिखाया ठेंगा हिंदी मीडियम से पढ़ कर बना कैंसर का डॉक्टर

लखनऊ के सरकारी हॉस्पिटल बलरामपुर अस्पताल के सीनियर ऑनकोलॉजिस्ट के पद पर इनका चयन हुआ और तब से लेकर अब तक वह कैंसर मरीजों का इलाज कर रहे हैं.

इंग्लिश को दिखाया ठेंगा हिंदी मीडियम से पढ़ कर बना कैंसर का डॉक्टर
लखनऊ/अंजलि सिंह राजपूत. लोग कहते हैं कि इंग्लिश मीडियम में पढ़ने वाले ही आगे चलकर किसी क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. और तो और ये भी कहा जाता है कि डॉक्टर बनने के लिए इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई होना बहुत जरूरी है. लेकिन इन सभी बातों को गलत साबित किया है लखनऊ के सबसे युवा ऑनकोलॉजिस्ट यानी कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर अभय प्रताप सिंह ने. डॉक्टर सिंह गोरखपुर के रहने वाले हैं और वहां के छोटे से स्कूल से इन्होंने अपनी हिंदी मीडियम में यूपी बोर्ड से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की. डॉक्टर अभय प्रताप युवाओं के बीच हमेशा ही पॉपुलर रहे हैं. कम उम्र का होने की वजह से इनके मरीज इनको डॉक्टर साहब नहीं बल्कि भैया जी कहते हैं. यहां से की पूरी पढ़ाई डॉ. अभय प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने अपना एमबीबीएस पुदुचेरी से किया. इसके बाद अपना एमडी लखनऊ के डॉक्टर राम मनोहर लोहिया मेडिकल संस्थान से किया. 2019 में इनकी पूरी पढ़ाई हो गई थी और सिर्फ 23 साल की उम्र में लखनऊ के सरकारी हॉस्पिटल बलरामपुर अस्पताल के सीनियर ऑनकोलॉजिस्ट के पद पर इनका चयन हुआ और तब से लेकर अब तक वह कैंसर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. बचपन से ही बनना चाहते थे डॉक्टर डॉ. अभय प्रताप सिंह ने बताया कि जब वह आठवीं कक्षा में थे तभी उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना देख लिया था. पिता ने भी डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित किया था. परिवार में सभी इंजीनियर है कोई भी डॉक्टर नहीं है, लेकिन उनके डॉक्टर बनने के बाद अब दूसरों को प्रेरणा मिली है और वह भी अब डॉक्टर बनने की टिप्स इनसे लेते हैं. फिलहाल वर्तमान में अभय प्रताप सिंह की मां नहीं हैं. 2011 में उनका दिल का दौरा पड़ने की वजह से देहांत हो गया था. पिता अपने बेटे के साथ ही रहते हैं. Tags: Cancer, Doctor, Hindi, Local18FIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 12:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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