न बापन दादा इस व्यक्ति ने खुद के आइडिया पर किया काम लाखों में हो रही कमाई

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ को गन्ना बेल्ट के तौर पर जाना जाता है. दरअसल यहां बड़ी संख्या में किसान गन्ना आधारित खेती करते हैं. लेकिन बदलते ट्रेंड में युवा अब गन्ना आधारित खेती से दूर भाग रहे हैं. अलग-अलग प्रकार की खेती करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं. जिसका नजारा आपको मेरठ के मवाना क्षेत्र में भी देखने को मिलेगा. यहां पर युवा किसान सचिन चौधरी ने ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है. जिससे वो सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं.

न बापन दादा इस व्यक्ति ने खुद के आइडिया पर किया काम लाखों में हो रही कमाई
सनन्दन उपाध्याय/बलिया: आज के आधुनिक युग में ठेला पर अनेकों प्रकार से भुजा तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन प्राचीन परंपरा से तैयार होने वाले यहां के भुजे का आज भी बेहद महत्व है. जहां बाकायदा पूजा पाठ के साथ शुरू होने वाली यह प्राचीन परंपरा बहुत खास होती है. मिट्टी से तैयार यह पूरी टेक्नोलॉजी अपने आस-पास के वातावरण को भी सुगंधित बना देती है. इसे गोसार के नाम से भी जानते हैं. इस भुजा में इतना जादू है कि यहां मार्ग से गुजरने वाले किसी व्यक्ति को बताना नहीं पड़ता है, उसे खुद अनुभव हो जाता है कि प्राचीन परंपरा से इधर कहीं न कहीं भुजा तैयार किया जा रहा है और वह धीरे-धीरे इस स्वादिष्ट और सोंह भुजे की तरफ खिंचा चला आता है. दुकानदार ने बताई भुजा की खासियत दुकानदार अरविंद कुमार ने बताया कि भुजा लेने के लिए बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं. यह अन्य भुजा से अलग होता है. शाम को तो यहां लोगों की लाइन लगी रहती है. हम लोगों का यह प्रमुख व्यवसाय है, इससे उनके परिवार का भरण-पोषण काफी अच्छे से निर्वहन हो जाता है. यह परंपरा प्राचीन है. 1 दिन में लगभग एक से सवा क्विंटल भुजा बिक जाता है. पूजा पाठ के बाद भुजा होता है तैयार भुजा तैयार कर रही संगीता देवी ने बताया कि सबसे पहले सुबह साफ सफाई करके और चूल्हे जैसी दिखने वाली इस बड़ी गोसार का पूजा पाठ किया जाता है. उसके बाद इसमें आग जलाई जाती है. बालू पूरी तरह से गर्म होने के बाद भुजा तैयार करने की विधि शुरू हो जाती है. लगन के दिनों में शादी विवाह में लावा भुजाई का कार्यक्रम यहीं से होता है. शादी विवाह से भी इसका प्राचीन काल से ही गहरा नाता रहा है. सुगंध से खींचे चले आते हैं लोग यहां आए तमाम लोगों ने बताया कि यह भुजा अन लोगों से से बिल्कुल अलग तरह का होता है. इसका स्वाद काफी लाजवाब होता है. इधर से गुजरने पर ही इसका मनोहारी सुगंध अपनी तरफ खींच लेता है. जनपद के कोने-कोने से लोग आते हैं.  साथ ही इस भुजा की कीमत अन्य लोगों से सस्ता है. यहां मुख्य मार्ग होने की वजह से लोगों की हर समय लाइन लगी रहती है. Tags: Ballia news, Local18FIRST PUBLISHED : July 22, 2024, 16:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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