तबला का A अल्लाह रक्खा से शुरू होता है और जाकिर हुसैन के Z पर खत्म

Ustad Zakir Hussain: जाकिर हुसैन ने सिर्फ सात वर्ष की आयु से ही तबले पर हाथ आजमाना शुरू कर दिया था और आगे चलकर उन्होंने पंडित रविशंकर, अली अकबर खान और शिवकुमार शर्मा जैसे दिग्गजों सहित भारत के लगभग सभी प्रतिष्ठित संगीत कलाकारों के साथ काम किया.

तबला का A अल्लाह रक्खा से शुरू होता है और जाकिर हुसैन के Z पर खत्म
नई दिल्ली. ग्रैमी पुरस्कार विजेता राकेश चौरसिया कहते हैं कि वह अपने चाचा और प्रसिद्ध बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया के बाद जाकिर हुसैन को अपना ‘दूसरा गुरु’ मानते थे. राकेश चौरसिया ‘तबला के भगवान’ जाकिर हुसैन को ऐसे व्यक्ति के रूप में याद करते हैं, जिन्होंने संगीतकारों की युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए एक मंच दिया. प्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन का सोमवार तड़के अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 73 वर्ष के थे. हुसैन महान तबला वादक उस्ताद अल्लाह रक्खा के पुत्र थे. राकेश चौरसिया ने पीटीआई से इंटरव्यू में कहा, “हम आमतौर पर कहते हैं कि तबला का ‘ए’ अल्लाह रक्खा से शुरू होता है और जाकिर हुसैन के ‘जेड’ पर खत्म होता है. मुझे लगता है कि संगीत जगत में हर कोई उन्हें ‘तबले का भगवान’ कहता है.” उन्होंने कहा, “हुसैन का आशीर्वाद ही काफी था और वे सभी को दिल से आशीर्वाद देते थे. उन्होंने हम जैसे युवा पीढ़ी के संगीतकारों को शीर्ष पर पहुंचने का मंच दिया.” बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने हुसैन के साथ मिलकर “एज वी स्पीक” और “पश्तो” एल्बम तैयार किए हैं, इन दोनों एल्बम ने इस वर्ष ग्रैमी पुरस्कार जीता है. उनके बीच कोई औपचारिक ‘गुरु-शिष्य’ संबंध नहीं था, फिर भी राकेश चौरसिया हुसैन को अपना ‘दूसरा गुरु’ मानते हैं. प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा के पुत्र जाकिर हुसैन का जन्म नौ मार्च 1951 को हुआ था. उन्हें उनकी पीढ़ी के सबसे महान तबला वादकों में माना जाता है. उनके परिवार में उनकी पत्नी एंटोनिया मिनेकोला और उनकी बेटियां अनीशा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी हैं. परिवार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “वह दुनिया भर के अनगिनत संगीत प्रेमियों द्वारा संजोई गई एक असाधारण विरासत छोड़ गए हैं, जिसका प्रभाव आने वाली पीढ़ियों तक बना रहेगा.” छह दशकों के अपने करियर में, हुसैन ने कई प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय और भारतीय कलाकारों के साथ काम किया, लेकिन गिटारवादक जॉन मैकलॉघलिन, वायलिन वादक एल शंकर और तालवादक टीएच ‘विक्कू’ विनायकराम के साथ 1973 में भारतीय शास्त्रीय संगीत और पश्चिमी जैज संगीत के तत्वों के संलयन को काफी सराहा गया. Tags: Zakir HussainFIRST PUBLISHED : December 17, 2024, 01:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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