अब एक ही जन्मतिथि वाले आधारकार्ड पर बवाल राज्यपाल बोले-जांच जरूरी है
अब एक ही जन्मतिथि वाले आधारकार्ड पर बवाल राज्यपाल बोले-जांच जरूरी है
Shimla Aadhar Card Issue: हिमाचल के शिमला के कोटखाई में लोगों ने थाने में आधार कार्ड में एक ही जन्मतिथि होने की शिकायत पुलिस को दी थी. लेकिन पुलिस जांच में सभी आधार कार्ड सही पाए गए हैं.
शिमला. हिमाचल प्रदेश में जब से संजौली मस्जिद विवाद शुरू हुआ है उसके बाद कई जगहों पर बबाल देखने को मिले. बबाल की वजह भी कई हैं, अब ताजा बबाल एक ही जन्मतिथि वाले धर्मविशेष के लोगों के आधारकार्ड को लेकर चल रहा है. सोशल मीडिया पर ये बवाल ज्यादा है. इस पर अब राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भी जांच को जरूरी बताया. शिमला पुलिस ने जब पूरे मामले की जांच की तो पता चला कि एक भी आधारकार्ड फर्जी नहीं पाया गया और न ही आपराधिक संबंध सामने आया. पुलिस की अब तक की जांच में कुछ भी संदिग्ध या गलत नहीं पाया गया है.
शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी का तो यहां तक कहना है कि ये सामाजिक ताने-बाने और समरसता को खराब करने के लिए एक प्रोयोजित प्रपोगेंडा दिख रहा है. इतना ही नहीं, एसपी ने उन लोगों को चेतावनी दी है जो खुद जांच अधिकारी बनकर लोगों के दस्तावेजों की जांच करने में लगे हुए हैं और उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर रहे हैं, जिससे माहौल खराब हो रहा है. एसपी के मुताबिक पुलिस ने इस तरह के फर्जी दावे करने वालों और सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार करने वाले करीब 40 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है. उन्होंने कहा कि ऐसे सामाजिक सद्भाव को खराब करने वालों पर पुलिस की कड़ी नजर है, अगर किसी को किसी पर संदेह है, किसी गतिविधि संदिग्ध लगती है तो पुलिस में शिकायत दर्ज करें, खुद इन्वेस्टिगेशन एजेंसी बनकर कानून को अपने हाथ में न लें.
न्यूज18 से क्या बोले एसपी संजीव गांधी
आधार कार्ड की जांच को लेकर शिमला के एसपी संजीव गांधी ने News 18 से कहा कि इस संबंध में पुलिस ने एक ही जन्मतिथि वाले आधार कार्ड वाले लोगों की बायोमेट्रिक पुष्टि की है, उनके मूल दस्तावेजों की भी जांच की गई है और सभी दस्वाजे सही पाए गए हैं. इस मामले में आधार कार्ड जारी करने वाले संस्थान यूआईडीएआई से संपर्क किया गया है. उन्होंने कहा कि ये कहने में कोई हिचक नहीं है कि नफरत फैलाने के लिए एक प्रायोजित प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है जबकि आम नागरिकों में इसको लेकर कोई कन्सर्न नहीं है. पुलिस ने स्पॉट इन्वेस्टिगेशन की है और सभी दस्तावेज कानून के अनुसार सही पाए गए हैं, एक ही जन्मतिथि वाले लोगों के नाम और पते भी सही हैं, इस संबंध में यूआईडीएआई की 2010 में जारी निर्देश भी स्पष्ट हैं, इसके अनुसार किसी को अपना डेट ऑफ बर्थ याद नहीं है तो मशीन उस कॉलम में ऑटोफिल करती है.
आधार कार्ड को लेकर आई थी शिकायत
दरअसल, यह सत्यापन की प्रकिया शिमला जिला के गुम्मा के व्यापार मंडल के प्रधान की ओर से कोटखाई पुलिस थाना में दी गई शिकायत के आधार पर किया गया था. शिकायत में ये लिखा था कि बाहरी राज्य के प्रवासी पहचान दस्तावेजों के रूप में नकली आधार कार्ड का उपयोग कर रहे हैं. शिकायत के आधार पर पुलिस ने सभी प्रवासी व्यक्तियों के आधार कार्ड का विवरण लिया और लोक मित्र केंद्र में सभी 75 प्रवासियों की बायोमेट्रिक पुष्टि की गई, सभी मूल दस्तावेज सही पाए गए. जन्म तिथि को लेकर यूआईडीएआई से संपर्क किया गया. पुलिस का कहना है कि यूआईडीएआई से जवाब आया कि ये एक तकनीकी मुद्दा है और बाकी प्राप्त विवरण और अन्य दस्तावेज सही है. यूआईडीएआई के अनुसार प्राधिकरण ने आधार प्रणाली के शुरुआती वर्षों के दौरान जन्म तिथि के बारे में भी स्पष्ट निर्देश जारी किए थे.
इस संबंध में 2017 में भी एक प्रेस विज्ञपति जारी की गई थी. पुलिस की अब तक की जांच में कुछ लोगों की ओर से उठाए गए संदेह निराधार साबित हुए और सच्चाई जाने बिना भ्रामक प्रचार किया गया.
राज्यपाल भी विवाद में कूदे
इस मामले पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बुधवार शाम को शिमला के कुफरी में प्रादेशिक सेना के एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि प्रदेश में सौहार्द बना रहे और प्रशासन अपने स्तर पर हर संभव प्रत्यन कर रहा है. राज्यपाल ने आगे कहा कि हिमाचल की पवित्रता हिमाचलियों से है, हिमाचल हिमाचलियों का है, बाहर से आने वाले लोग हिमाचल को ऐशगाह न बनाएं, आधार कार्ड के मामले की जांच जरूरी है, अगर एक तिथि पर आधारकार्ड बन जाए तो इसकी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए.
Tags: Aadhar card, Fake Aadhar Card, Gyanvapi Masjid Controversy, Himachal Pradesh News Today, Shimla News TodayFIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 14:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed