दाऊद इब्राहिम को आदर्श मानते हैं IPS ऑफिसर अजीत बैकफुट पर क्यों आए CM पिनराई
दाऊद इब्राहिम को आदर्श मानते हैं IPS ऑफिसर अजीत बैकफुट पर क्यों आए CM पिनराई
Kerala News: आईपीएस अधिकारी अजीत कुमार ने कहा कि वह अपने खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए पहले ही मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और पुलिस महानिदेशक को पत्र दे चुके हैं. एलडीएफ विधायक ने पिनराई विजयन के राजनीतिक सचिव और आईपीएस ऑफिसर अजीत कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
तिरुवनंतपुरम. केरल सरकार ने सोमवार को सत्तारूढ़ एलडीएफ विधायक पी वी अनवर द्वारा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के कुछ शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की. नीलांबुर से विधायक अनवर ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के राजनीतिक सचिव पी शशि और एडीजीपी (कानून व्यवस्था) अजीत कुमार पर विश्वासघात एवं ईमानदारी से जिम्मेदारी निभाने में विफल रहने का आरोप लगाया है. इसके बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली केरल सरकार के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है.
अजीत कुमार को मुख्यमंत्री का सबसे करीबी एवं भरोसेमंद माना जाता है. अजीत कुमार को ‘कुख्यात अपराधी’ बताते हुए अनवर ने कहा कि आईपीएस अधिकारी दाऊद इब्राहिम को अपना आदर्श मानते हैं. वामपंथी विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि एडीजीपी ने सोने की तस्करी के सिलसिले में लोगों की हत्या करवाई है.
मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए प्रदेश के सीएम पिनराई विजयन ने कहा कि विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों की शीर्ष स्तर के एक अधिकारी से उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी. उन्होंने कोट्टयम में पुलिस एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह बयान दिया. दिलचस्प बात यह है कि जब मुख्यमंत्री ने जांच की घोषणा की तो अजित कुमार भी मंच पर मौजूद थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो मुद्दे उठाए गए हैं, उनका अत्यंत गंभीरता से समाधान किया जाएगा और पुलिस में किसी भी तरह की अनुशासनहीनता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. विजयन ने कहा कि शीर्ष स्तर के एक अधिकारी को सभी आरोपों की जांच करने का जिम्मा सौंपने का निर्णय किया गया है, हालांकि उन्होंने अनवर के आरोपों का विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया.
उन्होंने कहा, “पुलिस बल का अनुशासन बेहद महत्वपूर्ण है. अनुशासन का कोई भी उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके खिलाफ विशेष कार्रवाई की जाएगी और इसके कठोर परिणाम होंगे.” केरल पुलिस के योगदान और उसकी विभिन्न उपलब्धियों की सराहना करते हुए विजयन ने कहा कि अभी भी पुलिसकर्मियों का एक छोटा वर्ग है जो बल में हो रहे बदलावों को स्वीकार करने और इसकी सकारात्मक भावना के खिलाफ काम करने में अनिच्छुक है.
उन्होंने कहा, “उनके कृत्य पूरे बल के लिए शर्मिंदगी की बात है… पिछले आठ वर्षों में 108 ऐसे अधिकारियों को बल से हटा दिया गया है. सरकार ऐसी कार्रवाई जारी रखेगी.” एडीजीपी ने समारोह के दौरान अपनी बात रखी, लेकिन अपने ऊपर लग रहे आरोपों के बारे में सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा.
इस बीच, मुख्यमंत्री द्वारा जांच की घोषणा के तुरंत बाद अनवर ने मलप्पुरम में एक संवाददाता सम्मेलन में एडीजीपी के खिलाफ नए आरोप लगाए. उन्होंने आरोप लगाया कि शीर्ष अधिकारी राजधानी शहर में कौडियार पैलेस के पास एक महंगे इलाके में एक आलीशान हवेली का निर्माण करवा रहे हैं.
विधायक ने सवाल उठाया कि इतने महंगे इलाके में जमीन खरीदने और घर बनाने के लिए उनके पास धन का स्रोत क्या है. उन्होंने कुछ और कथित सबूत भी जारी किए, जिनमें कथित तौर पर कुमार की कथित अवैध गतिविधियों को उजागर करने वाली टेलीफोन पर की गई बातचीत के रिकॉर्ड भी शामिल हैं.
अनवर ने आरोप लगाया कि कुमार ने मंत्रियों के फोन टैप कराए. इसके अलावा सोने की तस्करी करने वाले गिरोह से उनके संबंध हैं और वह गंभीर अपराधों में संलिप्त हैं. उन्होंने पथनमथिट्टा के पुलिस अधीक्ष सुजीत दास पर भी गंभीर आरोप लगाए. इसी बीच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी सोमवार को कहा कि पार्टी और वाममोर्चा सरकार सभी आरोपों की गहन जांच करेगी. मुख्यमंत्री की तरह पार्टी सचिव ने भी अनवर की आलोचना नहीं की या उनके आरोपों को खारिज नहीं किया.
वहीं, कारोबारी से नेता बने एवं दो बार के विधायक अनवर द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए माकपा के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने संवाददाताओं से कहा, “आरोपों के सभी पहलुओं की सरकार और पार्टी द्वारा गंभीरता के साथ जांच करायी जाएगी और उसके अनुसार ही कोई कदम उठाया जाएगा.” वहीं, विपक्षी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ खुलासे को लेकर सरकार पर निशाना साधा और मुख्यमंत्री विजयन के इस्तीफे की मांग की.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मुख्यमंत्री का कार्यालय आपराधिक तत्वों का अड्डा बन गया है. मुख्यमंत्री को एक मिनट भी पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए और आरोपों की विस्तृत जांच के लिए इसे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंप देना चाहिए.” उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ मोर्चे के विधायक ने मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव पी शशि के खिलाफ भी आरोप लगाए. शशि माकपा नेता हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “वह एक ऐसे इंसान हैं जिन्हें मुख्यमंत्री ने सभी जिम्मेदारियां सौंपी हैं। फिर, मुख्यमंत्री विजयन (इन आरोपों की) जिम्मेदारी से कैसे भाग सकते हैं?” भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख के सुरेंद्रन ने सवाल किया कि वाममोर्चा सरकार सत्ता में कैसे बनी रह सकती है जब सत्तारूढ़ दल के एक विधायक ने खुद आरोप लगाया कि राजनीतिक सचिव और एडीजीपी (कानून व्यवस्था) सोने की तस्करी, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और हत्या में संलिप्त हैं. उन्होंने कहा, “सरकार को सत्ता में बने रहने का क्या अधिकार है. अगर विधायक ने जो कहा वह गलत है, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए और जेल भेजा जाना चाहिए.”
Tags: BJP, Kerala, Pinarayi VijayanFIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 20:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed