सिंघवी की जोरदार दलील बीच में टोके जस्टिस- मुस्लिम चला रहा था वेजिटेरियन होटल

यूपी में कांवड़ा यात्रा में पड़ने वाले ढाबों और दुकानों के बाहर उनके मालिक और कर्मचारियों के नाम लिखने के यूपी सरकार के फरमान पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई के दौरान एक मौका ऐसा भी आया जब जस्टिस भाटी ने अपना अनुभव सुनाया. उन्होंने कहा कि एक वेजिटेरियन होटल मुस्लिम चला रहा था, फिर...

सिंघवी की जोरदार दलील बीच में टोके जस्टिस- मुस्लिम चला रहा था वेजिटेरियन होटल
यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग की ढाबों-दुकानों पर उनके मालिकों और कामगारों के नाम लिखने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है. यूपी सरकार के इस आदेश के खिलाफ एक एनजीओ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने याचिका दाखिल की थी. इस एनजीओ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में धाकड़ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे थे. अभिषेक मनु सिंघवी की पहले दिन की जोरदार बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी. दरअसल, यूपी के जिन इलाकों से कांवड़ यात्रा गुजरती है उन इलाकों में मुस्लिम समुदाय की आबादी ठीकठाक है. इस मार्गों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों के ढाबे और दुकानें काफी ज्यादा हैं. यूपी सरकार के आदेश के बाद इन ढाबों और दुकानों के बाहर उनके मालिकों और कामगारों का नाम लिखा गया. इस आदेश का विरोध करने वालों का तर्क है कि योगी सरकार अपने इस आदेश के जरिए धर्म के नाम पर भेदभाव पैदा कर रही है, जो बिल्कुल ठीक नहीं है. यह मसला राष्ट्रीय राजनीति में भी छाया हुआ है. ‘फैसला दुकानदारों के लिए आर्थिक मौत की तरह’ इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राज्य सरकार का यह फैसला दुकानदारों के लिए आर्थिक मौत की तरह है. इस आदेश का पालन नहीं करने पर दुकानदारों को जुर्माना भरना पड़ता है. सिंघवी ने अपनी दलील में कहा कि हिंदुओं द्वारा संचालित कई शुद्ध शाकाहारी रेस्टोरेंट हैं जहां मुस्लिम कर्मचारी हो सकते हैं. ऐसे में क्या कोई कह सकता है कि वह वहां जाकर खाना नहीं खाएगा. इसी तरह मुस्लिमों द्वारा संचालित कई रेस्टोरेंट हैं जहां हिंदू कर्मचारी हो सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस भाटी सिंघवी की दलीलें सुन रहे थे. इस पर वह अपना एक व्यक्तिगत अनुभव सुनाने लगे. उन्होंने कहा कि वह केरल गए थे. वहां एक वेजिटेरियन होटल हिंदू समुदाय के लोग और एक वेजिटेरियन होटल मुस्लिम समुदाय के लोग चला रहे थे. लेकिन वह मुस्लिम होटल में गए. वहां साफ-सफाई की व्यवस्था बेहतर थी. उसमें सेफ्टी, स्टैंडर्ड और हाईजीन के मानक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के थे. इसलिए वह वेजिटेरियन मुस्लिम होटल में गए. यह पूरी तरह से आपकी पसंद का मामला है. कौन व्यक्ति किस होटल में जाएगा यह उसका पूरी तरह निजी मामला है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए मामले के पक्षकारों से जवाब मांगा है. Tags: Abhishek Manu Singhvi, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : July 22, 2024, 18:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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