अब UP में नहीं होगी बिजली की किल्लत जल्द शुरू होगा प्रोडक्शन
अब UP में नहीं होगी बिजली की किल्लत जल्द शुरू होगा प्रोडक्शन
इस पावर प्लांट के सीईओ संतोष ने बताया कि पहली यूनिट का ट्रायल अगस्त महीने में शुरू किया जाना है इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है. 1 महीने में ट्रायल पूरा होने के बाद सितंबर से इस प्लांट को चलाया जाएगा
कानपुर: कानपुर और आसपास के जनपदों के लिए एक अच्छी खबर है. जल्दी कानपुर के यमुना तट के किनारे बनकर तैयार हुए पावर प्लांट में बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा. आपको बता दें कानपुर के यमुना तटवर्ती स्थित नेयवेली पावर प्लांट का ट्रायल अगस्त में शुरू किया जाना है. अगर ट्रायल सफल रहा तो सितंबर महीने से यहां पर बिजली बननी भी शुरू हो जाएगी.
इस पावर प्लांट के सीईओ संतोष ने बताया कि पहली यूनिट का ट्रायल अगस्त महीने में शुरू किया जाना है इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है. 1 महीने में ट्रायल पूरा होने के बाद सितंबर से इस प्लांट को चलाया जाएगा. सितंबर महीने से यहां पर 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा. यहां से 75% बिजली उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को दी जाएगी. जबकि 25% बिजली असम सरकार को दी जाएगी. इतना ही नहीं पावर प्लांट से जो राख निकलेगी वह भी बेहद काम आएगी. इस राख से लोगों के घर तैयार होंगे.
1 महीने में पूरा होगा ट्रायल
पावर प्लांट का ट्रायल अगस्त महीने में शुरू किया जा रहा है इसमें कई स्टेज होते हैं जिस वजह से इसके ट्रायल को पूरा होने में लगभग 1 महीने का समय लगेगा . यह पावर प्लांट प्रदेश में बिजली की समस्या को दूर करने में बेहद कारगर साबित होगा. वहीं इस पावर प्लांट की बात की जाए तो यहां पर रोजाना 7 से 8 हजार टन कोयले की खपत होगी. यहां पर 2 लाख टन कोयला स्टॉक किया गया है. प्लांट शुरू होते ही रोजाना तीन ट्रेन कोयला यहां पर आएगा जिसकी मदद से यहां पर बिजली का उत्पादन किया जाएगा.
दो और यूनिट का चल रहा है काम
सितंबर से पहले यूनिट को सुचारू रूप से चलने के बाद यहां पर दो और यूनिट का काम तेजी से चल रहा है जिसमें दूसरी यूनिट 1 साल में बनकर तैयार होने की उम्मीद है. वहीं बची हुई यूनिट को भी जल्द से जल्द तैयार करने की तैयारी की जा रही है ताकि जल्द से जल्द इस पावर प्लांट के जरिया प्रदेश की बिजली व्यवस्था को ठीक किया जा सके.
राख से तैयार होगी सीमेंट
पावर प्लांट में जब बिजली का उत्पादन किया जाता है तो बॉयलर से कोल वेस्टेज निकलता है जो राख होती है इस राख को लोगों के घरों को बनाने के काम लाया जाएगा. यहां से निकलने वाले कोल वेस्टेज से भरुआ सुमेरपुर स्थित जेके सीमेंट फैक्ट्री में सीमेंट तैयार की जाएगी जिससे लोगों के घर बन सकेंगे.
Tags: Local18, Power plantsFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 12:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed