अब्बास अंसारी ने खटखटाया सुप्रीम दरवाजा HC ने रिजेक्ट कर दी थी अर्जी
अब्बास अंसारी ने खटखटाया सुप्रीम दरवाजा HC ने रिजेक्ट कर दी थी अर्जी
मुख्तार अंसारी की जेल में मौत हो चुकी है. उसका बेटा अब्बास अंसारी इस वक्त यूपी की जेल में बंद है. उसने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अर्जी लगाई है. हाईकोर्ट ने उसे जेल से बेल पर फ्री करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई.
हाइलाइट्स मुख्तार अंसारी की इसी साल जेल में मौत हो गई थी. बेटे अब्बास अंसारी पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास की याचिका को स्वीकार कर लिया है.
नई दिल्ली. बाहूबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. ईडी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब्बास अब देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंचा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट से उसकी बेल की अर्जी खारिज करते वक्त कहा था कि हम पहली नजर में आरोपी की दलीलों से संतुष्ट नहीं हैं. साथ ही इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि वो बाहर आने के बाद दोबारा आपरधिक गतिविधियों में शामिल नहीं होगा. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए इसे स्वीकार कर लिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उत्तर प्रदेश के मऊ से विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर ईडी को नोटिस भी जारी कर दिया है. जांच एजेंसी से पूछा गया है कि आरोपी को अगर जमानत दी जाती है तो इसमें उन्हें कोई आपत्ति है या नहीं. जस्टिस एमएम सुंदरेश और संदीप मेहता की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी करते हुए अब्बास की विशेष अनुमति याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा गया है.
हाईकोर्ट नहीं हुआ संतुष्ट…
इससे पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 9 मई के अपने आदेश में अब्बास की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. हालांकि, उसने निचली अदालत को निर्देश दिया था कि वह जल्द से जल्द सुनवाई पूरी करे. इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस जसप्रीत सिंह की पीठ ने कहा था, “यह अदालत पीएमएलए की धारा 45 के संदर्भ में पहली नजर में यह संतुष्टि देने में असमर्थ है कि आवेदक दोषी नहीं है या फिर वह जमानत पर रहते समय कोई अपराध नहीं कर सकता.”
ईडी ने दिखाया था मनी ट्रेल…
कोर्ट ने अब्बास अंसारी के खिलाफ मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पेश किए गए मनी ट्रेल का भी संज्ञान लिया. बयान में कहा गया है कि मनी ट्रेल अंसारी को दो कंपनियों- मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन और मेसर्स आगाज से धन के लेनदेन से जोड़ता है. ईडी का आरोप है कि अंसारी ने इन कंपनियों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया था. ईडी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत तीन अलग-अलग एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है. पहले आपराधिक मामले में, यह आरोप लगाया गया था कि एक निर्माण कंपनी के भागीदारों ने रिकॉर्ड में हेराफेरी कर सार्वजनिक संपत्ति पर अतिक्रमण किया था.
स्कूल के नाम पर विधायक फंड से निकाला पैसा…
वहीं, दूसरी एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि मुख्तार अंसारी ने एक स्कूल बनाने के लिए विधायक कोष से धन लिया था. लेकिन, कोई स्कूल नहीं बनाया गया और जमीन का इस्तेमाल कृषि के लिए किया गया. तीसरी एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि अंसारी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सरकारी जमीन हड़प ली और एक अवैध मकान बना लिया.
Tags: Mukhtar ansari, Supreme Court, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 16:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed