क्यों यूपी के इस गांव के लोग तोड़ रहे हैं घर आसमान के नीचे रहने के लिए मजबूर

UP News: कोई अपना घर खुद ही क्यों छोड़ेंगा? मगर यूपी के एक गांव में कुछ ऐसा ही हो रहा है. आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा है.

क्यों यूपी के इस गांव के लोग तोड़ रहे हैं घर आसमान के नीचे रहने के लिए मजबूर
अतीश त्रिवेदी/लखीमपुर खीरी: हर कोई चाहता है कि उसका अपना घर हो. कई लोग तो अपनी पूरी लाइफ की कमाई एक घर बनाने में लगा देते हैं. घर के बाहर भी कोई कुछ खराब कर जाए, तो लोग गुस्से से लाल हो जाते हैं. लेकिन यूपी के एक गांव में तो कुछ ऐसा हुआ कि लोग अपने ही घरों को तोड़ रहे हैं. ईंटें निकालकर ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरते जा रहे हैं. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह. पुरवा गांव के लोग क्यों तोड़ रहे हैं अपने घर? यूपी के लखीमपुर जिले के नया पुरवा गांव में शारदा नदी का कटान लगातार जारी है. इस वजह से नया पुरवा गांव का अस्तित्व समाप्त होने वाला है. अब नया पुरवा गांव सिर्फ नक्शे पर ही रह जाएगा. नया पुरवा गांव में कुल 75 घर बने हुए थे. वहीं, करीब 300 से अधिक लोग गांव में रहते थे. लेकिन शारदा की तबाही के कारण गांव का अस्तित्व समाप्त होने वाला है. गांव में कुल 3 घर अभी बचे हुए हैं. परंतु लगातार शारदा का कटान जारी है. इसी वजह से लोग हथौड़े से तोड़कर ईंटें निकाल ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर ऊंचे स्थान पर जा रहे हैं. नया पुरवा में अभी तक बचाव कार्य शुरू नहीं हुआ है. खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर जिन ग्रामीणों का मकान नदी में कट गया है. अब वह लोग अपना जीवनयापन करने के लिए सड़क किनारे रहने को मजबूर हो गए हैं. शारदा का कटान लगातार जारी है और लोगों को इसी मजबूरी की वजह से बेघर रहना पड़ रहा है. बढ़ गई हैं लोगों की मुश्किलें भीरा-पलिया मार्ग पर बह रहे शारदा नदी की बाढ़ के पानी से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है. बाढ़ के पानी के चलते इस मार्ग पर आवागमन जोखिम भरा हो गया है. पुलिस ने इस मार्ग से आवागमन न करने की अपील की है. पलिया-भीरा मार्ग पर कई दिनों से पानी बह रहा है. कई दिनों तक इस मार्ग पर आवागमन बंद रहा. दो दिन पहले ही यातायात शुरू हुआ था. तभी फिर शारदा नदी का जलस्तर बढ़ गया. Tags: Lakhimpur Kheri, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : July 29, 2024, 16:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed