संवत 2081 के मंत्री शनि देवजयंती पर करें ये 4 उपाय! बनेंगे रंक से राजा
संवत 2081 के मंत्री शनि देवजयंती पर करें ये 4 उपाय! बनेंगे रंक से राजा
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है. इस साल यह पर्व 6 जून को है. इतना ही नहीं खास बात यह है कि इस बार विक्रम संवत 2081 के राजा मंगल और मंत्री शनि देव हैं. इस साल शनि देव का प्रभाव अधिक रहेगा.
अयोध्या: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को बहुत महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है .हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाया जाता है. इस दिन सूर्य और छाया पुत्र शनिदेव का जन्म हुआ था. वहीं, दक्षिण भारत में शनि जयंती वैशाख माह की अमावस्या तिथि पर मनाई जाती है. इस दिन न्याय के देवता शनिदेव की पूजा की जाती है. साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु व्रत-उपवास रखा जाता है.
धार्मिक मान्यता है कि शनिदेव की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है. साथ ही जीवन में व्याप्त दुख और संकट दूर हो जाते हैं. कहा जाता है कि शनि देवता की शुभ दृष्टि पड़ जाए तो व्यक्ति का उद्धार हो जाता है .गरीब भी धनवान बन जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है उन्हें शनि जयंती पर कुछ खास काम जरुर करना चाहिए, ये शनि के दुष्प्रभाव को कम करते हैं, अधूरी इच्छाएं जल्द पूरी होने लगती है.
कब है शनि जयंती
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है. इस साल यह पर्व 6 जून को है. इतना ही नहीं खास बात यह है कि इस बार विक्रम संवत 2081 के राजा मंगल और मंत्री शनि देव हैं. इस साल शनि देव का प्रभाव अधिक रहेगा. ऐसे में शनि जयंती के दिन शनि को प्रसन्न करने का अवसर न गवांए. इस दिन व्रत रखकर इनकी पूजा करने वालों को तमाम आर्थिक, मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. शनि जयंती पर करे ये उपाय
शनि जयंती के दिन सूर्यास्त के बाद शनि मंदिर में जाकर शनि देव की प्रतिमा पर सरसों तेल अर्पित करना चाहिए. काला कपड़ा अर्पित करना चाहिए. तेल का दीपक जलाकर उसमें काला तिल डालकर शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से कहा जाता है कि व्यापार और धन संबंधित समस्या का अंत होता है. अगर आप शनि की साढ़ेसाती से परेशान हैं तो फिर शनि जयंती के दिन सुबह जल में गुड़ या चीनी डालकर पीपल के पेड़ पर अर्पित करें. शाम को पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाकर शनि के मंत्र ” ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥” का 108 बार जाप करें. इसके प्रभाव से लक्ष्य पूरा करने में आ रही बाधा का नाश होता है. दरिद्रता दूर होती है. शनि जयंती के दिन घर या दुकान में काले घोड़े की नाल अभिमंत्रित करके शुभ मुहूर्त में लगाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से बुरी बालाएं दूर रहती है, परिवार की सुरक्षा होती है. व्यापार उन्नति करता है. इसके अलावा शनि जयंती के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार काले वस्त्र, काली दाल, काले तिल और सरसों का तेल किसी भी गरीब या जरूरतमंद को दान करें. कुष्ठ रोगी की मदद, मजदूरों को जल अन्न दें. ये उपाय आपका सोया भाग्य भी जाग जाएगा.
Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 18, 2024, 15:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed