स्तनपान के प्रति महिलाएं नहीं है जागरूक मेडिकल कॉलेज के सर्वे में आया सामने
स्तनपान के प्रति महिलाएं नहीं है जागरूक मेडिकल कॉलेज के सर्वे में आया सामने
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रो. डॉ. सीमा द्विवेदी ने बताया कि विभाग ने उन 500 महिलाओं पर स्तनपान को लेकर सर्वे कराया गया, जिनकी हाल में डिलीवरी हुई थी. जब सर्वे में उनसे जानकारी ली गई तो हर कोई अचंभित रह गया, क्योंकि महिलाओं को इसकी जरूरत और महत्व के बारे में जानकारी ही नहीं थी. अब उन्हें इसको लेकर जागरूक किया जा रहा है.
कानपुर. नवजात शिशु के लिए जीतना जरूरी मां का दूध होता है, उतना ही जरूरी उस मां के लिए भी अपने नवजात को स्तनपान कराना बेहद जरूरी है. 6 महीने तक महिलाओं को स्तनपान जरूर करना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर बच्चों को गंभीर रोग हो सकता है. यह बात जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की स्टडी में सामने आया है.
इतना ही नहीं यहां ब्रैस्ट फीडिंग को लेकर एक सर्वे किया गया, जिसमें महिलाओं को इसकी उपयोगिता और इसकी आवश्यकता के बारे में भी ज्यादा जानकारी नहीं थी. इसके बाद मेडिकल कॉलेज द्वारा महिलाओं को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है.
स्तनपान नहीं कराने से महिलाओं पर भी पड़ता है दुष्प्रभाव
कानपुर के एलएलआर अस्पताल के जच्चा-बच्चा विभाग में 500 महिलाओं पर एक सर्वे किया गया. महिलाओं से एकत्र जानकारी से यह पता चला कि 90 फीसदी प्रसुताओं को अपने बच्चों और उनके विकास में स्तनपान की उपयोगिता के बारे में जानकारी नहीं है. अब डॉक्टर सभी प्रसुताओं और यहां इलाज कराने वाली महिलाओं से संवाद कर रहे हैं और उन्हें स्तनपान की जरूरत और आवश्यकता के बारे में बता रहे हैं. अगर बच्चे को मां का दूध नहीं मिलता है तो कहीं ना कहीं कुछ कमी बच्चों के विकास में रह जाती है. मां का दूध बच्चों के लिए संजीवनी का काम करता है. वहीं महिलाएं अगर स्तनपान नहीं कराती है तो उनके ऊपर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है. उन्हें गर्भाशय, अंडाशय व स्तन कैंसर होने का भी खतरा बना रहता है.
500 महिलाओं पर स्तनपान को लेकर किया था सर्वे
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रो. डॉ. सीमा द्विवेदी ने बताया कि विभाग द्वारा उन 500 महिलाओं पर स्तनपान को लेकर सर्वे कराया गया, जिनकी हाल-फिलहाल में डिलीवरी हुई थी. जब सर्वे में उनसे जानकारी ली गई तो हर कोई अचंभित रह गया, क्योंकि महिलाओं को इसकी जरूरत और महत्व के बारे में जानकारी ही नहीं थी. महिलाएं स्तनपान के बजाय बच्चों को घुट्टी, गाय का दूध और शहद देना ज्यादा प्रेफर कर रही थी. इसके बाद अब जो भी महिला यहां प्रेगनेंसी के दौरान आती है, उनको सबसे पहले स्तनपान की आवश्यकता और महत्वता के बारे में जागरूक किया जा रहा है. साथ ही जिन प्रसुताओं के नंबर यहां पर उपलब्ध है, उनको भी फोन के जरिए संवाद कर जागरूक किया जा रहा है.
Tags: Health, Kanpur news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 17:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed