56 भोग के साथ बालक राम पहनेंगे रेशम की राखी जानें कौन पहनाएगा
56 भोग के साथ बालक राम पहनेंगे रेशम की राखी जानें कौन पहनाएगा
Raksha Bandhan 2024: राम मंदिर अयोध्या में स्थापित रामलला समेत चारों भाईयों के लिए देशभर की बहनों ने राखी भेजी है. ऐसे में अयोध्या में श्रृंगी ऋषि आश्रम में स्थापित भगवान राम की बहन शांता के मंदिर में ये राखियां रखी गई है. सोमवार की सुबह मंदिर के पुजारी इन राखियों को चारों भाईयों के कलाई में बांधेंगे.
अयोध्या: पूरे देश में रक्षाबंधन की धूम है, रक्षाबंधन का पर्व प्रत्येक वर्ष सावन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस दिन बहने अपने भाई की कलाई में राखी बांधती है और भाई उस राखी के बदले बहन की रक्षा का वचन देता है. वहीं, अयोध्या के बालक राम के लिए भी पूरे देश की बहने अलग-अलग माध्यम से राखी भेज रही हैं. इसी कड़ी में आज अयोध्या के श्रृंगी ऋषि आश्रम से प्रभु राम के लिए राखी आया है और यह राखी बालक राम के चारों भाइयों समेत उनकी पत्नियों के लिए भी आया है.
जानें कितने दिनों में राखी हुई तैयार
इस राखी का निर्माण श्रृंगी ऋषि आश्रम के आसपास रहने वाली महिलाओं ने तैयार किया है. लगभग 20 दिन में इस राखी को तैयार किया गया है. राखी की खास बात यह है कि यह राखी रेशम के धागों से बनाई गई है. इसके साथ ही इसके ऊपर मोती लगाया गया है. इतना ही नहीं राखी के साथ-साथ प्रभु राम के लिए 56 व्यंजनों का भोग और बांसुरी भी आया है, जिसे रक्षाबंधन के मौके पर बालक राम को धारण भी कराया जाएगा .
जानें कौन थीं प्रभु राम की बहन
इतना ही नहीं धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक प्रभु राम की बहन शांता थी और श्रृंगी ऋषि आश्रम में शांता का मंदिर है. त्रेता युग में जिस तरह प्रभु राम की बहन शांता ने अपने चारों भाइयों को राखी बांधा करती थी. आज जब भव्य मंदिर में बालक राम विराजमान हो चुके हैं, तो शांता के मंदिर से बालक राम समेत चारों भाइयों के लिए राखी राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को समर्पित की गई है.
राम मंदिर के मुख्य पुजारी बोले
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि श्रृंगी ऋषि आश्रम से आज चारों भाइयों के लिए राखी आई है. उसमें 56 व्यंजनों का भोग हैं, इसके अलावा माला और बांसुरी है. कल शुभ मुहूर्त में बालक राम समेत चारों भाइयों को राखी बांधी जाएगी. इसके साथ ही माला धारण कराया जाएगा. साथ ही 56 व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. यहां श्रृंगी ऋषि आश्रम में शांता का मंदिर भी है और शांता प्रभु राम की बहन थी, उस गांव के जितने अनुयाई और गांव के लोग हैं. आज प्रभु राम के लिए राखी लेकर आए हैं. वह सभी प्रभु राम को रक्षाबंधन के पर्व पर समर्पित किया जाएगा.
श्रृंगी ऋषि आश्रम के पुजारी ने बताया
श्रृंगी ऋषि आश्रम के पुजारी राम प्यारे दास ने बताया कि रक्षाबंधन भारतीय परंपरा का ऐसा त्यौहार है, जो बहने अपने भाई की कलाई में बांधती हैं, हम लोग भी श्रृंगी ऋषि आश्रम में जो शांता माता हैं. वह उनका मंदिर है. वहां से हम लोग प्रभु राम के लिए रक्षाबंधन लेकर आए हैं, जिसमें प्रभु राम के चारों भाइयों का रक्षाबंधन है. माला के साथ ही 56 व्यंजनों का भोग है. इतना ही नहीं इस राखी में चारों भाइयों के लिए एक बड़े रामलला के लिए और चारों भाइयों की पत्नियों के लिए भी राखी आई है. खास बात यह है कि इस राखी को रेशम के धागों से हाथों द्वारा महिलाओं ने तैयार किया है. यह रखी दुकान से नहीं खरीदी गई है. इसके अलावा फल मीठा के साथ बांसुरी भी लाया गया है, जो भगवान को समर्पित किया जाएगा.
राखी का निर्माण करने वाली अंजली ने बताया
राखी का निर्माण करने वाली अंजली सिंह ने बताया कि हम लोग अपने भाई के लिए राखी लेकर आए हैं, प्रभु राम को अपना भाई मानते हैं. इस राखी का निर्माण हम लोगों ने अपने हाथों से किया है. सावन माह शुरू होते ही राखी का निर्माण शुरू कर दिया गया था, रेशम के धागों से राखी को बनाया गया है. आज बहुत अच्छा लग रहा है, इतना ही नहीं इस राखी को मोतियों से सजाया गया है. प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला पर्व है, जब रक्षाबंधन पर हम लोग रक्षाबंधन लेकर आए हैं, आज उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है.
Tags: Ayodhya News, Local18, Raksha bandhanFIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 18:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed