इस खास विधि से टमाटर की खेती कर मालामाल बना किसान लाखों की हो रही कमाई
इस खास विधि से टमाटर की खेती कर मालामाल बना किसान लाखों की हो रही कमाई
मल्चिंग तकनीक से किसान बारिश के मौसम में भी टमाटर की अच्छी खासी खेती कर सकते हैं और अपनी उपज बढ़ा सकते हैं. साथ ही अच्छा खासा मुनाफा भी कमा सकते हैं. द
संजय यादव/ बाराबंकी: वैसे भारत देश के लोग टमाटर की सब्जी के अलावा कच्चा खाना भी बहुत पसंद करते हैं, क्योंकि यह पूरे साल बाजार में मिल जाता है. अक्सर किसान इस फसल को गर्मी के मौसम में सबसे अधिक खेती करते हैं. टमाटर एक ऐसी फसल है, जिसमें लागत के हिसाब से मुनाफा उससे कहीं अधिक कमाया जा सकता है. इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि एक बार जब आप इस फसल को अपने खेत में लगा लेते हैं, तो आप लगभग तीन से चार महीने इसकी फसल का उत्पादन कर सकते हैं. जिले के किसान खूब टमाटर की पैदावार कर रहे हैं और इससे कई किसानों को बड़ा अच्छा मुनाफा भी हो रहा है.
मल्चिंग तकनीक से किसान बारिश के मौसम में भी टमाटर की अच्छी खासी खेती कर सकते हैं और अपनी उपज बढ़ा सकते हैं. साथ ही अच्छा खासा मुनाफा भी कमा सकते हैं. दरअसल मल्चिंग एक ऐसी विधि है, जिसके तहत बरसात के मौसम में फसल पर बारिश के पानी से नुकसान कम होता है और फसलों को सड़ने व गलने से बचाया जा सकता है. मल्चिंग विधि से जिले का एक किसान टमाटर आदि की खेती कर रहा है. बाराबंकी जिले के रसूलपुर गांव के रहने वाले युवा किसान नमन ने एक बीघे से टमाटर की खेती की शुरुआत की, जिसमें उन्हें अच्छा लाभ देखने को मिला. आज वह करीब 3 बीघे में टमाटर की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग उन्हें दो से ढाई से लाख रुपए मुनाफा एक फसल पर हो रहा है.
टमाटर की खेती करने वाले किसान नमन ने बताया कि वह कई सालों से टमाटर की खेती कर रहे हैं. इस समय वह 3 बीघे में मल्च विधि से टमाटर की खेती कर रहे हैं. इसमें एक बीघे में 15 से 16 हजार रुपये की लागत आती है. क्योंकि इसमें बीज, बांस, डोरी, पन्नी, लेबर आदि का खर्च लगता है और वहीं मुनाफा करीब एक फसल में दो से ढाई लाख रुपए तक हो जाता है. इस खेती को वह मल्च विधि के द्वारा करते हैं. क्योंकि यह विधि फसल को खराब होने से बचाती है और बरसात के पानी से फसल खराब नहीं होती है. रोग लगने का खतरा भी कम रहता है. फसल में यदि कोई रोग लगता है, तो दवा छिड़कने में भी आसानी होती है. फल दिखने में बहुत आकर्षक और स्वस्थ रहते हैं. इस वजह से मंडियों में इनकी कीमत अच्छी मिल जाती है. मल्च की वजह से खरपतवार भी खेत में नहीं होता.
कैसे होती है मल्च विधि से खेती
इसकी खेती करना बहुत ही आसान है. पहले हम खेत की जुताई करते हैं, उसके बाद पूरे खेत में मेड बनाते हैं. फिर मेड पर मल्च बिछा दी जाती है. फिर इसमें छेद करके टमाटर के पौधे को लगाया जाता है. जब पेड़ थोड़ा बड़ा होने लगता है. तब इसकी सिंचाई करते हैं. उसके बाद खेत में बांस को गाड़ कर टमाटर के पौधे को डोरी के सहारे बांध दिया जाता है. जिससे पौधा सीधा रहता है और बारिश के सीजन में फसल को तोड़ने में आसानी होती है. वहीं पौधा लगाने के महज दो महीने के बाद फसल निकलनी शुरू हो जाती है. जिसे तोड़कर बाजारों में भेजा जा सकता है.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : July 7, 2024, 15:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed