कन्नौज के अनोखे इत्र को 120000 रुपये में खरीद रहे हैं लोग इस वजह है खास
कन्नौज के अनोखे इत्र को 120000 रुपये में खरीद रहे हैं लोग इस वजह है खास
Kannauj Chandan Attar: इत्र खरीदने के लिए आप कितने रुपये खर्च कर सकते हैं? कन्नौज की एक दुकान पर लोग इत्र के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये तक खर्च कर रहे हैं.
कन्नौज: कन्नौज को “सुगंध नगरी” के नाम से भी जाना जाता है. हजारों सालों से कन्नौज में इत्र बनाने का कारोबार होता आ रहा है. यहां बनने वाले इत्र की खासियत इसकी शुद्धता और प्राकृतिकता है. इनमें से प्रमुख इत्र खस, चंदन और गुलाब के होते हैं. इनमें से एक है चंदन गुलाब का इत्र, जिसकी महक धार्मिक कार्यक्रमों में भी इस्तेमाल होती है. यह इत्र अपनी विशेषता के कारण महंगा होता है. लोग इसे खरीदने के लिए लाखों रुपये खर्च कर देते हैं.
बहुत महंगा होता है चंदन का इत्र
चंदन का इत्र अपने आप में विशेष होता है और इसे “इत्रों की जान” के नाम से जाना जाता है. चंदन के तेल से तैयार यह इत्र बेहद शुद्ध और सुगंधित होता है. इसके उत्पादन के लिए संदल तेल का उपयोग किया जाता है, जिसकी वजह से यह महंगा होता है. संदल का इत्र बाजार में 1,20,000 रुपये प्रति किलो तक बिकता है.
गुलाब का इत्र भी होता है बहुत महंगा
गुलाब इत्र वह इत्र है, जिससे सुगंध की शुरुआत मानी जाती है. गुलाब की पंखुड़ियों से निकलने वाले तरल पदार्थ के आधार पर इत्र तैयार किया गया. खासकर कन्नौज में पैदा होने वाला “चीनी गुलाब” इत्र, गुलाब जल और गुलकंद के लिए प्रमुख माना जाता है. गुलाब की रूह, जिसे “गुलाब का तेल” भी कहा जाता है. इसकी कीमत 20 लाख रुपये प्रति किलो तक हो सकती है. गुलाब के इत्र की कीमत भी 1,00,000 रुपये से अधिक होती है.
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चंदन और गुलाब का मिक्स इत्र भी खरीद सकते हैं आप
चंदन-गुलाब इत्र चंदन और गुलाब के मिश्रण से बनाया जाता है. चंदन को बेस के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें गुलाब की सुगंध डाली जाती है. इसकी महक लंबे समय तक कपड़ों पर बनी रहती है और इसका इस्तेमाल धार्मिक कार्यक्रमों में बड़े पैमाने पर होता है. यह सुगंध एक सदाबहार सुगंध मानी जाती है, जो लोगों के मन को मोह लेती है. बाजार में इसकी काफी मांग रहती है और इसे कोई भी व्यक्ति उपयोग कर सकता है.
क्या बोले इत्र व्यापारी
इत्र व्यापारी निशिष तिवारी का कहना है कि कन्नौज में गुलाब और चंदन के इत्र सबसे प्रमुख माने जाते हैं. गुलाब और चंदन की नेचुरल खुशबू मिलकर एक अनूठी सुगंध का निर्माण करती है. संदल के बेस पर गुलाब की सुगंध बेहद शानदार होती है, जिसे बारहो मास (पूरे वर्ष) उपयोग किया जाता है. एक बार लगाने पर इसकी महक कई दिनों तक कपड़ों पर बनी रहती है. इस इत्र की कीमत, चंदन और गुलाब के मिक्सर से बनने के कारण, करीब दो से ढाई लाख रुपये प्रति किलो तक हो जाती है.
Tags: Kannauj news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 17:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed