मशीनें खा रही जंग निराश होकर लौट रहे मरीज शोपीस बना कन्नौज का मेडिकल कॉलेज

मेडिकल कॉलेज परिसर में 125 बेड का कार्डियोलॉजी विभाग का निर्माण कराया गया था. लेकिन इसकी इमारत  शोपीस बनकर खड़ी है. कॉलेज में न्यूरो का न तो विभाग है और न ही डॉक्टर हैं.

मशीनें खा रही जंग निराश होकर लौट रहे मरीज शोपीस बना कन्नौज का मेडिकल कॉलेज
अंजली शर्मा/ कन्नौज. कन्नौज में ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले गरीब लोगों के लिए मेडिकल कॉलेज किसी वरदान से कम नहीं है . यहां पर कैंसर हॉस्पिटल, कार्डियोलॉजी व आईसीयू में लोगों को बेहतर इलाज मिले इसके लिए लोग दूर-दूर से यहां पर इलाज कराने आते हैं. पैसों के अभाव में ग्रामीण बड़े-बड़े शहरों में नहीं जा पाते थे, लेकिन अब कन्नौज में भी उनको कई बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कैंसर हॉस्पिटल कार्डियोलॉजी में मशीन तो सभी हैं, लेकिन उनको चलने वाले हाथ नहीं है. ऐसे में डॉक्टर और स्टाफ की कमी गरीब जनता पर भारी पड़ रही है. मजबूरी में जान बचाने के लिए उनको हजारों लाखों रुपए खर्च करके कानपुर, दिल्ली, मुंबई जाकर मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है. कितने बेड का कार्डियोलॉजी, कितने पद हैं खाली मेडिकल कॉलेज परिसर में 125 बेड का कार्डियोलॉजी विभाग का निर्माण कराया गया था. लेकिन इसकी इमारत  शोपीस बनकर खड़ी है. कॉलेज में न्यूरो का ना तो विभाग है और ना ही डॉक्टर हैं. विभाग को संचालित करने के लिए 338 पदों को सृजित किया गया था. पदों की भर्ती को लेकर कॉलेज प्रशासन कई बार प्रस्ताव बनाकर भेज चुका है, लेकिन अभी भी उस पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है. कैंसर हॉस्पिटल में डॉक्टर का इंतजार 225 बेड का कैंसर विभाग यहां बना हुआ है. पिछले साल भवन का ताला खुलवाकर ओपीडी की शुरुआत कर दी थी. फिलहाल चार डॉक्टरों की मौजूदगी में अस्पताल में ओपीडी व कीमोथेरेपी की सुविधा दी जा रही है. अस्पताल को पूर्ण रूप से संचालित करने के लिए 442 पदों को सृजित किया गया था, इसमें 68 पद शैक्षणिक, 182 गैर शैक्षणिक, 192 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति होनी है. 438 पद रिक्त हैं. इन पदों की भर्ती समेत रेडियोथैरेपी मशीन को लेकर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कई बार प्रस्ताव बनाकर भेजा है, लेकिन अभी उस पर कोई उत्तर नहीं आया. डॉक्टर और नर्स की कमी मेडिकल कॉलेज में बने विभागों में डॉक्टर व नर्स की कमी से लगातार करोड़ों रुपए की मशीन जंग खा रही है. विभाग के पास डॉक्टर नहीं हैं, ऐसे में इन विभागों का संचालन नहीं हो पा रहा है. वहीं करोड़ों रुपए की लागत से बने भवन अब शोपीस बनकर खड़े हैं. मेडिकल कॉलेज प्रशासन कैंसर व कार्डियोलॉजी को शुरू करने के लिए बजट मिलने का इंतजार कर रहा है. 2018 में मेडिकल कॉलेज परिसर में कैंसर व कार्डियोलॉजी अस्पताल का भवन बनकर तैयार हो गया था. लेकिन अनदेखी के चलते इसमें डॉक्टर और सृजित पदों की भर्ती न हुई जिस कारण यहां पर कई तरह की समस्या आज भी बनी हुई है. क्या बोले डॉक्टर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सी पी पाल बताते हैं कि मेडिकल कॉलेज में जो भी कमियां या जरूरत है, उनके बारे में आला अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. कैंसर हॉस्पिटल और कार्डियोलॉजी को संचालित करने के लिए स्टाफ की भर्ती की मांग की गई है. दूसरे विभागों में जो कमियां हैं, उनको दूर करने के लिए चिट्ठी के माध्यम से अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. उम्मीद है जल्द ही सभी समस्याओं का निदान हो जाएगा और किसी को भी यहां से बिना इलाज के निराश नहीं लौटना पड़ेगा. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 16:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed