बहराइच का ऐतिहासिक मंदिर पांडवों ने यहां गुजारे थे अपने अज्ञातवास के दिन
बहराइच का ऐतिहासिक मंदिर पांडवों ने यहां गुजारे थे अपने अज्ञातवास के दिन
बहराइच में गुल्लाबीर एक प्रसिद्ध मंदिर है. पांडव को जब एक वर्ष का अज्ञातवास हुआ तो वह इसी स्थान पर आकर रुके थे. होली के बाद यहां बहुत बड़ा आठे का मेला होता है. इस मंदिर में हनुमान जी चौरे के रूप में विराजमान है.
बहराइचः शहर में स्थित गुल्लाबीर एक प्रसिद्ध मंदिर है. पांडव को जब एक वर्ष का अज्ञातवास हुआ तो वह इसी स्थान पर आकर रुके थे. होली के बाद यहां बहुत बड़ा आठे का मेला होता है. इस मंदिर में हनुमान जी चौरे के रूप में विराजमान है. मन्दिर को 84 कोस का कोतवाल भी कहा जाता है. मंदिर पर मुंडन संस्कार,अनुप्रासन, वर वधु के विवाह के बाद पूजन भी होती हैं.
गुल्लाबीर मन्दिर में शीतला माता, वैष्णो माता, बजरंगबली, शिव परिवार,मारी माता, काली माता ,शनि देव ,भैरव बाबा ,अर्ध नागेश्वर परशुराम मंदिर, विराजमान हैं. लोग यहां बहराइच के साथ-साथ अन्य जिले से भी आते हैं. आए हुए श्रद्धालु सूचना पट पर लिखकर अपनी मन्नतें भी मांगते है. इसके साथ ही यहां पर ईट रखने की भी मान्यता है.
इतिहास में भी दर्ज है मन्दिर का नाम
आजादी के वक्त सेनानियों,राजाओं की बैठक इसी स्थान पर हुई थी. यह स्थान बहराइच शहर के किनारे रेलमार्ग लाईन से सटा बना है. जहां शान्ति पूर्ण वातावरण बना रहता है. जहां एक बार आप पहुंच जाएंगे तो वापस जाने का मन ही नहीं करेगा. यहां लगे हरे भरे पेड़ आप को एक सुंदर दृश्य देते है.
Tags: Bahraich news, Dharma Aastha, Hindu Temple, Local18FIRST PUBLISHED : August 6, 2024, 16:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed