कंचनजंगा हादसे में बड़ी लापरवाही 3 घंटे से खराब था सिग्नल कहां थे अधिकारी

Kanchanjunga Express Accident: रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा के अनुसार, टक्कर इसलिए हुई क्योंकि एक मालगाड़ी ने सिग्नल की अनदेखी की और सियालदह जा रही कंचनजंघा एक्सप्रेस को टक्कर मार दी.

कंचनजंगा हादसे में बड़ी लापरवाही 3 घंटे से खराब था सिग्नल कहां थे अधिकारी
नई दिल्ली. रेलवे के एक सूत्र ने सोमवार को बताया कि पश्चिम बंगाल में रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तर हाट जंक्शन के बीच ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम सुबह 5.50 बजे से ही खराब थी. इसी स्थान पर एक मालगाड़ी ने सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी थी. सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘ट्रेन संख्या 13174 (सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस) सुबह 8:27 बजे रंगापानी स्टेशन से रवाना हुई थी और सुबह 5:50 बजे से ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम के खराब होने के कारण रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तर हाट के बीच रुक गई. एक अन्य रेलवे अधिकारी के मुताबिक, जब ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम काम करना बंद कर देती है, तो स्टेशन मास्टर ‘टीए 912’ नामक एक लिखित आधिकार-पत्र जारी करता है, जो चालक को खराबी के कारण उस सेक्शन के सभी रेड सिग्नलों को पार करने का अधिकार देता है. सूत्र ने बताया, ‘रानीपतरा के स्टेशन मास्टर ने ट्रेन संख्या 13174 (सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस) को ‘टीए 912′ जारी किया था.’ उन्होंने कहा, ‘जीएफसीजे नामक एक मालगाड़ी लगभग उसी समय सुबह 8:42 बजे रंगापानी से रवाना हुई और 13174 नंबर ट्रेन के पिछले हिस्से से टकरा गई. जिसके परिणामस्वरूप गार्ड का डिब्बा, दो पार्सल डिब्बे और एक सामान्य डिब्बा पटरी से उतर गए.’ रेलवे बोर्ड ने अपने शुरुआती बयान में कहा कि मालगाड़ी के चालक ने सिग्नल का उल्लंघन किया था. सूत्रों ने कहा कि जांच से ही पता चल सकेगा कि क्या मालगाड़ी को खराब सिग्नल को तेज गति से पार करने के लिए ‘टीए 912’ दिया गया था या फिर लोको पायलट ने खराब सिग्नल के नियम का उल्लंघन किया था. अगर मालगाड़ी को ‘टीए 912’ नहीं दिया गया था तो चालक को प्रत्येक खराब सिग्नल पर ट्रेन को एक मिनट के लिए रोकना था तथा 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ना था. लोको पायलट संगठन ने रेलवे के इस बयान पर सवाल उठाया है कि चालक ने रेल सिग्नल का उल्लंघन किया. भारतीय रेलवे लोको रनिंगमैन संगठन (आईआरएलआरओ) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय पांधी ने कहा, ‘लोको पायलट की मृत्यु हो जाने और सीआरएस जांच लंबित होने के बाद लोको पायलट को ही जिम्मेदार घोषित करना अत्यंत आपत्तिजनक है.’ FIRST PUBLISHED : June 17, 2024, 16:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed