उमर अब्दुल्ला असेंबली चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे मगर अब 2 सीटों से ठोकी ताल
उमर अब्दुल्ला असेंबली चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे मगर अब 2 सीटों से ठोकी ताल
Jammu- Kashmir Assembly Election: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पहले तो विधानसभा का चुनाव लड़ने के ही इच्छुक नहीं थे और अचानक उन्होंने 2 सीटों से अपना पर्चा दाखिल कर दिया. उनके इस कदम के पीछे की वजह को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.
श्रीनगर. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला पहले तो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में होने जा रहे विधानसभा के चुनाव में उतरने के इच्छुक नहीं थे. मगर अब अचानक उन्होंने 2 असेंबली सीटों से एक साथ चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है. इसके पीछे की वजह फिलहाल अभी तक सामने नहीं आ सकी है. मगर साफ है कि उमर अब्दुल्ला का दिल बदलने के पीछे कोई बड़ी कहानी छिपी हुई है. अब्दुल्ला ने कहा कि दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ना कमजोरी की निशानी नहीं है, बल्कि यह उनकी पार्टी की ताकत को साबित करता है. अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए दो सीटों- गंदरबल और बडगाम से नामांकन दाखिल किया है.
नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है और उसे समझौते में एक-तिहाई सीटें देने का ऐलान किया है. बहरहाल अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ‘मेरे साथी यह दिखाना चाहते थे कि नेशनल कॉन्फ्रेंस यह चुनाव कमजोर स्थिति से नहीं, बल्कि मजबूत स्थिति से लड़ रही है. मेरा दो सीटों से चुनाव लड़ना कमजोरी की निशानी नहीं, बल्कि ताकत की निशानी है, यह नेशनल कॉन्फ्रेंस की ताकत का सबूत है.’ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर बडगाम से उनके हारने का कोई खतरा होता, तो उनकी पार्टी के साथी उन्हें यहां से चुनाव नहीं लड़ने देते.
राहुल गांधी की दोस्ती वजह?
कश्मीर की राजनीति पर लंबे समय से पैनी नजर रखने वाले राजनैतिक पंडितों का मानना है कि उमर अब्दुला के केंद्र शासित राज्य की विधानसभा में चुनाव लड़ने के पीछे कई वजहें हैं. पहले उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि वो कम अधिकारों वाले राजनैतिक सिस्टम में अपनी हिस्सेदारी करके उसको मान्यता देने का काम नहीं करेंगे. क्योंकि राज्य में असली अधिकार तो उप राज्यपाल के पास ही रहेंगे. मगर अब अचानक उन्होंने अपने इरादे बदल दिए हैं. इससे साफ है कि इसके पीछे राहुल गांधी से उनकी दोस्ती का हाथ है. जो खुद 2 सीटों पर चुनाव लड़ चुके हैं.
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उमर अब्दुला को जीत का भरोसा
उमर अब्दुला ने कहा कि ‘चाहे बारामूला हो, श्रीनगर हो या अनंतनाग, नेशनल कांफ्रेंस के पक्ष में लहर है और हमें उम्मीद है कि पार्टी सफल होगी और गठबंधन के उम्मीदवार भी जीतेंगे.’ गौरतलब है कि तीन चरणों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए एनसी का कांग्रेस के साथ गठबंधन है. अब्दुल्ला ने कहा कि जमीनी हालात उनकी पार्टी के पक्ष में हैं और उम्मीद जताई कि चुनाव के नतीजे यह साबित करेंगे.
Tags: Jammu kashmir, Jammu Kashmir Election, Jammu kashmir election 2024, Omar abdullahFIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 14:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed