यूपी के इस जिले में 80 फीसदी खेतों की पैदावार पर संकट जांच में हुआ खुलासा
यूपी के इस जिले में 80 फीसदी खेतों की पैदावार पर संकट जांच में हुआ खुलासा
दरअसल, मुरादाबाद जनपद में वर्ष 2024-25 में शासन ने मिट्टी की जांच कराने के निर्देश दिए थे. शासन स्तर से जनपद के 80 गांव की सूची कृषि विभाग को प्राप्त हुई थी. प्रत्येक गांव से 100 किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने लेकर जांच की गई.
पीयूष शर्मा/ मुरादाबाद: कंक्रीट के बढ़ते जंगल के बीच खेत घटने लगे हैं. उधर, बढ़ती आबादी के बीच अधिक उत्पादन की अंधी दौड़ भी शुरू हो गई. शार्टकट अपनाकर ज्यादा उपज हासिल करने के लिए अपनाए जाने वाले हथकंडों का असर मुरादाबाद में कुछ ऐसा हुआ कि करीब 80 प्रतिशत खेतों की पैदावार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. शासन की ओर से जिले के 80 गांवों के आठ हजार किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच में यह बात सामने आई. रिपोर्ट के मुताबिक अधिकांश खेतों में जीवांश यानी आर्गेनिक कार्बन समेत अन्य प्रमुख पोषक तत्व न्यूनतम स्तर पर हैं. यही हाल रहा, तो वह दिन दूर नहीं. जब भूमि से उत्पादन खत्म हो जाएगा.
80 गांव की भेजी थी सूची
दरअसल, मुरादाबाद जनपद में वर्ष 2024-25 में शासन ने मिट्टी की जांच कराने के निर्देश दिए थे. शासन स्तर से जनपद के 80 गांव की सूची कृषि विभाग को प्राप्त हुई थी. प्रत्येक गांव से 100 किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने लेकर जांच की गई. टीम ने करीब आठ हजार किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने लिए और लैब में उनकी जांच की. जांच के दौरान करीब 7200 नमूनों में आर्गेनिक कार्बन को मात्रा न्यून स्तर यानी 0.21 से 0.51 पीपीएम के बीच मिली, जो अति न्यून की ओर बढ़ रही है. इसके अलावा करीब 500 नमूनों में बोरान की मात्रा 0.20 पीपीएम से कम बानी कम स्तर की मिली है. जो भूमि की उर्वरा क्षमता के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं. इसके अलावा दस से 15 प्रतिशत नमूनों में फास्फेट, पोटाश, लोहा और मैगजीन की मात्रा भी कम मिलती है.
किसानों को मिलेगी जांच रिपोर्ट और सुझाव
विभाग की ओर से किसानों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाए जा रहे हैं. कार्ड में किसान नाम, उनके खेत की मिट्टी की जांच रिपोर्ट यानी पोषक तत्वों की उपलब्ध की सूचना होगी. जो पोषक तत्व निर्धारित मात्रा से कम होंगे, उन्हें दूर करने के उपाय भी बताए जाएंगे.ताकि किसान कम लागत में अधिक उत्पादन ले सके. विशेषज्ञों के मुताबिक जीवांश यानी आर्गेनिक कार्बन बढ़ाने को फसल अवशेष, हरी व गोबर खाद मिट्टी में मिलाएं. किसान फसल चक्र अपनाएं.
प्रभारी अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र ठाकुरद्वारा डॉ रविंद्र कुमार ने बताया भूमि में सबसे अधिक महत्वपूर्ण जीवांश कार्बन यानी आर्गेनिक कार्बन हरी खाद गोबर खाद, वर्मी कंपोस्ट से ही इसे बढ़ाया जा सकता है. इसके पूरा होने पर अन्य पोषक तत्वों की कमी भी दूर हो जाती है. इनका इस्तेमाल करें और रसायनिक खाद, पेस्टीसाइड का इस्तेमाल बंद करें.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 13:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed