RPF की काली सच्चाई को अपनों ने लाया सामने रेलवे स्टेशनों पर क्या चल रहा
RPF की काली सच्चाई को अपनों ने लाया सामने रेलवे स्टेशनों पर क्या चल रहा
Indian Railway News: भारतीय रेल के नेटवर्क का विस्तार देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक है. इसके साथ ही समस्याएं भी उसी तरह से सामने आती रहती हैं. ऐसा ही एक मामला सामने अया है.
नई दिल्ली. प्रयागराज रेल मंडल के अंतर्गत टूंडला खंड पर रेलवे कॉम्प्लेक्स में अवैध वेंडर की मौजूदगी को लेकर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और रेलवे के कमर्शियल के बीच नोकझोंक हुई. इसके बाद प्रयागराज रेल डिवीजन ने मामले की जांच शुरू कर दी. कमर्शियल डिपार्टमेंट ने आरोप लगाया है कि रेलवे सुरक्षा बल अवैध वेंडर का अनुचित पक्ष ले रहा है. आरपीएफ ने कमर्शियल डिपार्टमेंट पर उन वेंडर के प्रति भी अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाया है, जो रेलवे परिसर में अपने उत्पाद बेचने के लिए अधिकृत हैं.
कमर्शिलय डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने कहा, ‘रेलवे परिसर और ट्रेन में अवैध सामान बेचना एक बहुत बड़ी समस्या है. ये वेंडर यात्रियों को दूषित और नकली खाद्य उत्पाद बेचते हैं, जिससे उनकी सुरक्षा को खतरा होता है. रेलवे परिसर में उन्हें काम करने से रोकना हमारा कर्तव्य है.’ RPF पर अभियान में सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अवैध वेंडर को पकड़ा और उनके खिलाफ चार्जशीट तैयार किया तो कानूनी तौर पर यह आरपीएफ का कर्तव्य था कि वह उन्हें हिरासत में ले.
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लोगों को खतरा…
कमर्शिलय डिपार्टमेंट के अधिकारी ने बताया कि चार्जशीट की प्रतियां पेश करते हुए कहा कि हालांकि, वे अवैध वेंडर को हिरासत में लेने से इनकार कर रहे हैं. कमर्शिलय डिपार्टमेंट के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘केवल रेलवे मजिस्ट्रेट को ही आरोप-पत्र का निपटारा करने का अधिकार है, लेकिन आरपीएफ अवैध वेंडर को हिरासत में नहीं ले रही है, इसलिए हम इन आरोप-पत्रों का क्या करेंगे? इसलिए हम इसे रद्द कर रहे हैं और ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करने वाले अवैध वेंडर से जुर्माना वसूल रहे हैं. हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है.’ दूसरी ओर, आरपीएफ ने कहा कि कमर्शियल वेंडर को अनावश्यक रूप से परेशान कर रहा है तथा उन लोगों पर भी जुर्माना लगा रहा है जो उनकी अधिकृत दुकानों पर सामान देने आ रहे हैं.
RPF का पक्ष
आरपीएफ के सूत्रों का कहना है कि कुछ मामलों में, जो वेंडर अपना लाइसेंस साथ लाना भूल गए थे, लेकिन उन्होंने बाद में उसकी सॉफ्ट कॉपी का प्रबंध कर लिया था, फिर भी वाणिज्यिक विभाग द्वारा उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है. जब यह मामला उत्तर मध्य रेलवे जोन के मुख्य सुरक्षा आयुक्त एके सिन्हा के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया. उनके तहत ही प्रयागराज मंडल आता है.एके सिन्हा ने बताया कि उन्होंने सीनियर डिवीजनल सिक्योरिटी कमिश्नर को जांच कर शीघ्र रिपोर्ट देने को कहा है.
गंभीर आरोप
रेलवे अधिकारियों ने यह भी कहा कि टूंडला जंक्शन सहित कई स्टेशन पर अवैध वेंडर एक बड़ी समस्या बन गए हैं. उनके मुताबिक ये वेंडर न सिर्फ हानिकारक और अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ बेचते हैं, बल्कि मोबाइल छीनने और यात्रियों के बैग चोरी करने जैसे छोटे-मोटे अपराधों में भी शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि टूंडला के स्टेशन मास्टर को घर जाते समय गोली मार दी गई थी और उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा था कि उन्हें अवैध वेंडर का हाथ होने का संदेह है, क्योंकि वह अक्सर उन्हें रेलवे परिसर में प्रवेश करने से रोकते थे.
FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 22:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed