क्या चीन को छोड़ भारत का हाथ थाम रहे मुइज्जू दिल्ली में बैठक टेंशन में ड्रैगन

India-Maldives Defence Dialogue: मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में माले की पिछली सरकार के कार्यकाल में वृद्धि देखी गई. कल शुक्रवार को दोनों देशों के बीच दिल्ली में वार्ता हुई.

क्या चीन को छोड़ भारत का हाथ थाम रहे मुइज्जू दिल्ली में बैठक टेंशन में ड्रैगन
नई दिल्ली: भारत और मालदीव ने शुक्रवार को हिंद महासागर क्षेत्र के हालात पर ध्यान देने और वर्तमान में जारी विभिन्न रक्षा सहयोग परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने पर विचार-विमर्श करने के लिए वार्ता की. इस वार्ता के बाद यह कहा जा सकाता है कि दोनों देशों के बीच संबंध में लगातार सुधार होता जा रहा है. हालांकि इससे चीन की टेंशन जरूर बढ़ सकती है. बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर की तीन दिवसीय मालदीव यात्रा के लगभग एक महीने बाद दिल्ली में यह रक्षा सहयोग वार्ता आयोजित की गई. जयशंकर की यह यात्रा मालदीव के चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद भारत की ओर से पहली उच्चस्तरीय यात्रा थी. रक्षा मंत्रालय ने रक्षा संवाद पर कहा, ‘‘संपूर्ण वार्ता फलदायी रही जो निकट भविष्य में दोनों देशों के साझा हितों को आगे बढ़ाएगी और हिंद महासागर क्षेत्र में समृद्धि तथा स्थिरता लाएगी.’’ चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मुइज्जू ने पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति का पद संभाला था जिसके बाद से भारत और मालदीव के संबंधों में तनाव आ गया था. पढ़ें- चीन की टेंशन बढ़ा रही ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी,’ खाका नरसिम्हा राव सरकार ने किया तैयार, मोदी सरकार कर रही लागू द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मामलों पर चर्चा मुइज्जू ने राष्ट्रपति पद संभालने के कुछ घंटे के भीतर ही अपने देश से भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी की मांग की थी. इसके बाद भारतीय सैन्य कर्मियों की जगह नागरिकों को तैनात किया गया. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत और मालदीव की पांचवीं रक्षा सहयोग वार्ता में दोनों पक्षों को द्विपक्षीय रक्षा सहयोग से संबंधित मामलों पर चर्चा करने का अवसर मिला. बयान में कहा गया, ‘‘इसमें अन्य बातों के अलावा वर्तमान में जारी विभिन्न रक्षा सहयोग परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाना शामिल था.’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने उच्च स्तरीय आदान-प्रदान और क्षमता विकास परियोजनाओं जैसे साझा हितों के कुछ अन्य क्षेत्रों पर भी विचार-विमर्श किया. आगामी द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास में भागीदारी के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की गई.’’ इसमें कहा गया, ‘‘बातचीत की पूरी श्रृंखला परिणाम देने वाली रही, जो निकट भविष्य में दोनों देशों के साझा हितों को आगे बढ़ाएगी और हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि लाएगी.’’ बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरामने ने किया, जबकि मालदीव के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बल प्रमुख जनरल इब्राहिम हिल्मी ने की. Tags: India china, MaldivesFIRST PUBLISHED : September 7, 2024, 06:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed