भारत-चीन गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स से 12 सितंबर तक पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी करेंगे: विदेश मंत्रालय

भारत और चीन पूर्वी लद्दाख के ‘गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स’ इलाके से पीछे हटने की प्रक्रिया 12 सितंबर तक पूरी करेंगे. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय के इस बयान से एक दिन पहले भारत और चीन की सेनाओं ने घोषणा की थी कि उन्होंने गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स के ‘पेट्रोलिंग प्वाइंट 15’ से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

भारत-चीन गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स से 12 सितंबर तक पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी करेंगे: विदेश मंत्रालय
हाइलाइट्सगोगरा-हॉटस्प्रिंग्स से 12 सितंबर तक पीछे हटेंगे दोनों देश के सैनिक.पिछले दो सालों से इस क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद था. इस भारतीय क्षेत्र को चीनी विदेश मंत्रालय ने 'जियानन डाबन क्षेत्र' कहा है. नई दिल्ली. भारत और चीन पूर्वी लद्दाख के ‘गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स’ इलाके से पीछे हटने की प्रक्रिया 12 सितंबर तक पूरी करेंगे. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय के इस बयान से एक दिन पहले भारत और चीन की सेनाओं ने घोषणा की थी कि उन्होंने गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स के ‘पेट्रोलिंग प्वाइंट 15’ से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस स्थान पर दोनों सेनाओं के बीच पिछले दो साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ था. विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने वार्ता जारी रखने और भारत-चीन सीमावर्ती इलाकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास शांति बहाल करने एवं शेष मुद्दों को सुलझाने पर सहमति जताई है. मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस मामले से जुड़े सवालों के जवाब में कहा, ‘‘इस बात पर सहमति बनी कि इलाके में दोनों पक्षों द्वारा बनाए गए सभी अस्थायी ढांचे और अन्य संबद्ध ढांचे ध्वस्त किए जाएंगे और इसकी पारस्परिक रूप से पुष्टि की जाएगी. इलाके में भूमि का वही प्राकृतिक स्वरूप बहाल किया जाएगा, जो दोनों पक्षों के बीच गतिरोध की स्थिति से पहले था.’’ बागची ने कहा कि भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच 16वें दौर की वार्ता 17 जुलाई 2022 को चुशुल मोल्दो बैठक स्थल पर हुई थी. उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने तब से भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ प्रासंगिक मुद्दों को हल करने के लिए नियमित संपर्क बनाए रखा था.’’ उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप दोनों पक्ष अब गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स (पीपी-15) क्षेत्र में पीछे हटने पर सहमत हो गए हैं. बागची ने कहा कि समझौते के अनुसार, इस क्षेत्र में पीछे हटने की प्रक्रिया आठ सितंबर को सुबह साढ़े आठ बजे शुरू हुई और यह 12 सितंबर तक पूरी हो जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्ष चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से इस क्षेत्र में भविष्य में सैन्य जमावड़े पर रोक पर सहमत हुए हैं.’’ बागची ने कहा कि समझौते के जरिये यह सुनिश्चित होता है कि दोनों पक्षों द्वारा इस क्षेत्र में एलएसी का कड़ाई से पालन और सम्मान किया जाएगा और यथास्थिति में एकतरफा बदलाव नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘पीपी-15 पर गतिरोध के समाधान के साथ ही दोनों पक्षों ने वार्ता को आगे बढ़ाने और एलएसी के निकट शेष मुद्दों को हल करने और भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए पारस्परिक रूप से सहमति व्यक्त की.’’ बीजिंग में चीनी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चीनी और भारतीय सैनिकों ने जियानन डाबन क्षेत्र से समन्वित और नियोजित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है, जो सीमावर्ती इलाकों में शांति के माहौल के लिए अच्छा है. यहां भारतीय अधिकारियों ने कहा कि चीनी सेना के बयान में जिस जियानन डाबन क्षेत्र का जिक्र किया गया है, वह गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स इलाके का वही ‘पेट्रोलिंग प्वाइंट-15’ है, जिसका बृहस्पतिवार को भारतीय सेना की प्रेस विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया था. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Galwan valley news, India china border disputeFIRST PUBLISHED : September 09, 2022, 18:28 IST