सुखद रविवार! LAC को लेकर चीन का खूबसूरत बयान वर्षों से था इस बात का इंतजार
सुखद रविवार! LAC को लेकर चीन का खूबसूरत बयान वर्षों से था इस बात का इंतजार
India-China LAC Agreement: चीन ने इस बात की पुष्टि की है कि उसके सैनिक भी LAC से पीछे हट रहे हैं. चीन ने इस बात की पुष्टि भारत के बयान के बाद की है. बता दें कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर साढ़े चार साल पहले चीनी घुसपैठ के बाद सैन्य गतिरोध की स्थिति में फंसे भारत और चीन ने क्षेत्र में सात टकराव बिंदुओं में से दो पर सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई है.
नई दिल्ली: देपसांग मैदानों और डेमचोक में मंगलवार को सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई. भारतीय सेना के सूत्रों द्वारा इस बात की पुष्टि की गई है. भारतीय सेना की पुष्टि के बाद चीन ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि “चीनी और भारतीय सीमांत सैनिक संबंधित कार्य में लगे हुए हैं, जो फिलहाल सुचारू रूप से चल रहा है”. सेना की ओर से यह पुष्टि शुक्रवार को हुई, जबकि चार दिन पहले भारत ने घोषणा की थी कि दोनों पक्षों के बीच पेट्रोलिंग पर समझौता हो गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने शुक्रवार को बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “सीमा क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर चीन और भारत के बीच हाल ही में हुए प्रस्तावों के अनुसार, चीनी और भारतीय सीमावर्ती सैनिक संबंधित कार्य में लगे हुए हैं, जो फिलहाल सुचारू रूप से चल रहा है.” बता दें कि नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने शनिवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर यह टिप्पणी पोस्ट की.
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विदेश मंत्री ने भारतीय सेना की सराहना की
इससे पहले सेना के सूत्रों ने कहा था कि यह प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी हो जाने की संभावना है. लेकिन उन्होंने यह भी बताया था कि इन क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति और मौसम की स्थिति को देखते हुए कोई सख्त समयसीमा नहीं हो सकती. वहीं पुणे में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फ्लेम यूनिवर्सिटी में बोलते हुए भारत-चीन सीमा पर “बहुत ही अकल्पनीय परिस्थितियों” में तैनात भारतीय सेना की सराहना की.
जयशंकर ने कहा, “अगर आज हम उस मुकाम पर पहुंचे हैं, जहां हम हैं… तो इसका एक कारण यह है कि हमने अपनी जमीन पर डटे रहने और अपनी बात रखने के लिए बहुत दृढ़ प्रयास किया. सेना देश की रक्षा के लिए बहुत ही अकल्पनीय परिस्थितियों में (LAC पर) मौजूद थी और सेना ने अपना काम किया और कूटनीति ने भी अपना काम किया.” उन्होंने कहा कि 2020 से सीमा पर स्थिति ‘बहुत अशांत’ रही है, जिसका ‘समग्र संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.’ उन्होंने कहा कि सितंबर 2020 से भारत चीन के साथ बातचीत कर रहा है कि समाधान कैसे निकाला जाए.
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर साढ़े चार साल पहले चीनी घुसपैठ के बाद सैन्य गतिरोध की स्थिति में फंसे भारत और चीन ने क्षेत्र में सात टकराव बिंदुओं में से दो पर सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू करके द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की दिशा में पहला कदम उठाया है ताकि वहां दोनों पक्षों के पेट्रोलिंग करने के अधिकार को बहाल किया जा सके. सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में दोनों पक्ष पिछले साढ़े चार साल में बनाए गए अस्थायी ढांचों को हटा रहे हैं. हटाए जा रहे अस्थायी ढांचों में उपकरण, वाहन और सैनिकों को रखने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे पूर्वनिर्मित शेड और टेंट शामिल हैं.
Tags: India china border news, India china issueFIRST PUBLISHED : October 27, 2024, 06:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed