भरी गर्मी में दिल्‍ली मेट्रो ट्रेन में घुसते ही आपको भी लगती है ठंड ये है वजह

जून की भरी गर्मी में भी दिल्‍ली मेट्रो ट्रेनों में मिलने वाले ठंडक भरे सफर को लेकर दिल्‍ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने दिलचस्‍प जानकारी दी है. दिल्‍ली मेट्रो ने बताया कि मेट्रो ट्रेनों में कितने एसी लगे हैं?

भरी गर्मी में दिल्‍ली मेट्रो ट्रेन में घुसते ही आपको भी लगती है ठंड ये है वजह
इस गर्मी ने दिल्‍ली में उच्च तापमान के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और अभी कोई खास राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही. ऐसे में कभी आपने सोचा है कि दिल्‍ली मेट्रो ट्रेन में घुसते ही गर्मी तो उल्‍टे पैर भागती ही है, कई दफा आपको ठंड क्‍यों लगने लगती है? जबकि आपको मेट्रो के अंदर रेलवे की ट्रेनों में लटके पंखे या फिर कूलर और एसी दिखाई भी नहीं पड़ते. हालांकि ठंडक की वजह से भरी गर्मी में भी मेट्रो ट्रेनों में सफर बेहद आसान हो जाता है. दिल्‍ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने भीषण गर्मी में एसी सफर कराने वाली मेट्रो ट्रेनों को लेकर दिलचस्‍प जानकारी दी है. डीएमआरसी की ओर से बताया गया कि सिर्फ मेट्रो ट्रेनों ही नहीं मेट्रो स्‍टेशनों पर भी एयर कंडीशनर की व्‍यवस्‍था होती है, लेकिन जितना ठंडा मौसम मेट्रो ट्रेनों में होता है, उतना स्‍टेशनों पर नहीं होता, इसकी भी वजहें हैं. ये भी पढ़ें  अरविंद केजरीवाल की AAP ने दिल्‍ली के इस नेता के सिर फोड़ा हार का ठीकरा, आम आदमी पार्टी से किया सस्‍पेंड दिल्ली मेट्रो ने बताया कि मेट्रो में रोजाना लगभग 1.40 लाख किलोमीटर चलने वाली 4200 फेरों के साथ ट्रेनें यात्रियों को सुविधाएं दे रही हैं. मेट्रो ट्रेनों में गर्मी को भगाने के लिए दिन भर 24 डिग्री सेल्सियस तापमान पर एसी चलाया जाता है. पूरी मेट्रो ट्रेन के अंदर का तापमान एक जैसा होता है. दिल्‍ली मेट्रो ने कहा कि जब गर्मी के चलते घरों में भी बिजली कटौती की वजह से कई बार एसी बंद हो जाते हैं लेकिन दिल्‍ली मेट्रो में एक बार भी ऐसा मौका नहीं आया, जबकि ट्रेनों या भूमिगत स्टेशन जो एयर कंडीशनिंग के लिए डिजाइन किए गए हैं, उनमें ब्रेकडाउन या एसी फेल होने की घटना हुई हो. वर्तमान में डीएमआरसी के पास 345 से अधिक ट्रेनों का बेड़ा है जिनमें लगभग 5000 एसी इकाइयां स्थापित हैं. गर्मी में इनमें कोई भी कमी न आए और सभी एसी ठीक से काम करें, इसके लिए हर साल मार्च में गर्मियों की शुरुआत से पहले इन एसी इकाइयों की फिटनेस की जांच की जाती है. इसके अलावा हर तीन महीने में इन एसी इकाइयों का नियमित रखरखाव भी किया जाता है.साथ ही ट्रेन ऑपरेटर तापमान भिन्नता से संबंधित किसी भी समस्या का तुरंत समाधान करने और यात्रियों के लिए सुखद यात्रा के लिए नियमित रूप से कोच के तापमान की निगरानी भी करते हैं. इसी प्रकार, सभी भूमिगत स्टेशन एयर कंडीशनिंग उपकरण या इकाइयों की दूरस्थ निगरानी और नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक भवन प्रबंधन प्रणाली (बीएमएस) और चिलर प्लान मैनेजर (सीपीएम) भी लगाए गए हैं. यह प्रणाली वास्तविक समय के आधार पर परिवेश और स्टेशन के तापमान की लगातार निगरानी करती है और मेट्रो स्टेशन के तापमान को 25 और 27 डिग्री सेल्सियस के बीच बनाए रखने के लिए कार्रवाई करती है, भले ही बाहरी तापमान 45 से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच हो. इतना ही नहीं खराबी को रोकने के लिए एस्केलेटर और लिफ्ट जैसे गर्मी के प्रति संवेदनशील बुनियादी ढांचे के घटकों पर नियमित निरीक्षण किया जा रहा है. आग लगने की किसी भी घटना को रोकने के लिए, जो ऐसी गर्मी की लहरों के दौरान एक आम घटना है, डीएमआरसी के पास अपने स्टेशनों पर अग्निशामक यंत्रों और होज़ों की एक मजबूत व्यवस्था है, जिन्हें नियमित रूप से मेट्रो परिसर में और उसके आसपास रणनीतिक स्थानों पर बनाए रखा जाता है. स्प्रिंकलर सिस्टम की नियमित जांच और रखरखाव किया जाता है ताकि आग लगने की स्थिति में इसे तुरंत सक्रिय किया जा सके. बता दें कि गर्मी के चलते मई 2024 में, मई 2023 में दर्ज 52.41 लाख यात्राओं के मुकाबले, 60.17 लाख के रिकॉर्ड उच्च स्तर दर्ज की गई हैं. इससे तय है कि गर्मी में मेट्रो सुरक्षित परिवहन का साधन है. ये भी पढ़ें  दिल्ली मेट्रो में अजीबोगरीब वीडियो-रील्‍स बनाते पकड़े जाने पर क्‍या होती है कार्रवाई? DMRC या पुलिस कौन लगाता है जुर्माना, जानें Tags: Delhi Metro, Delhi Metro News, Delhi Metro operationsFIRST PUBLISHED : June 7, 2024, 19:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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