पंजाब : हाईवे के रास्ते आए दो मंजिले मकान को कैसे 500 फीट तक खिसकाया जा रहा जानें देसी इंजीनियरिंग की रोचक कहानी
पंजाब : हाईवे के रास्ते आए दो मंजिले मकान को कैसे 500 फीट तक खिसकाया जा रहा जानें देसी इंजीनियरिंग की रोचक कहानी
double story building move away 500 feet: दिल्ली-जम्मू कटरा एक्सप्रेसवे के रास्ते में एक किसान का दो मंजिला मकान आ गया. यह मकान किसान के दिल के बहुत करीब है. उन्होंने इसे बड़ी मेहनत से हाल ही में बनवाया है. इसलिए उन्हें इस मकान को तोड़ना बहुत बुरा लगा. आखिर में उन्होंने देसी कारीगर की मदद से इस मकान को वर्तमान जगह से 500 फीट दूर ले जाने की तरकीब निकाला. आज इस तरकीब के हर जगह चर्चा हो रही है.
हाइलाइट्सदिल्ली-जम्मू-कटरा एक्सप्रेसवे के रास्ते में आ गया था किसान का मकान 1.5 करोड़ की लागत से 2020 में तैयार हुआ है सपनों का घर सिर्फ जैक और लोहे की मदद से रोजाना 10 फीट खिसकाया जा रहा है
नई दिल्ली. पंजाब के संगरूर में देसी तकनीक की एक अनोखी तरकीब लोगों को हैरान कर रही है. दरअसल, इस तरकीब की मदद से दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के रास्ते में आए एक दो मंजिले मकान को अपनी मूल जगह से 500 फुट की दूरी पर खिसकाया जा रहा है. इसे इस तरह से खिसकाया जा रहा है कि मकान पर रत्ती भर फर्क नहीं पड़ रहा है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर में इस हैरतअंगेज कारनामों का पूरा डिटेल दिया गया है. दिल्ली से जम्मू-कटरा तक एक्सप्रेसवे बन रहा है. इस एक्सप्रेस वे के रास्ते में संगरूर के रौशनवाला गांव में किसान सुखविंदर सिंह के सपनों का घर आ गया जिसे उन्होंने हाल ही में बड़े प्यार से बनाया है. सुखविंदर सिंह के लिए यह सपनों को घर है. दो साल में तैयार हुए इस मकान में उन्होंने उन्होंने अपने सपने की हर वह चीजें लगाई हैं जो उन्होंने वर्षों से सोच रखी थी.
2020 में गृहप्रवेश किया था
इस घर में दो भाई के साथ नौ लोगों का परिवार रहता था. सुखविंदर सिंह कहते हैं, “2020 में जब हमें पता लगा कि हमारी यह जमीन एक्सप्रेसवे के रास्ते में आ गई है तो हम बहुत निराश हो गए. इसी साल हमने घर में गृहप्रवेश किया था. जमीन का वह हिस्सा जिसपर हमने बीज तैयार करने की फैक्टरी लगाई थी, वह भी चली गई. उसे तो हटा दिया गया लेकिन हम अपने सपनों के इस घर का तोड़ना नहीं चाहते थे. यह घर हमारे दिल के बहुत करीब है. हमने सुन रखा था कि घर को आगे-पीछे किया जा सकता है. इसलिए हमने इस घर को यह से खिसकाने के बारे में सोचा. फिर हमने फैसला किया कि घर को नहीं तोड़ेंगे और इसे यहां से खिसकाकर दूसरी जगह ले जाएंगे.”
सुखविंदर सिंह ने बताया कि इस घर को बनाने में दो साल का समय लगा. अगर हम इस घर को तोड़ दें तो इसमें कोई भी फर्निचर नहीं बचेगा. लगभग सभी चीजें नष्ट हो जाएंगी. सुखविंदर सिंह ने कहा, “इसके अलावा करीब तीन साल पहले जब हमने इस घर को बनाया तो करीब 1.5 करोड़ रुपये का खर्च आया था. तब से महंगाई काफी बढ़ गई है. इसलिए इसी तरह का नया घर बनाने में दो गुना रुपये खर्च करने पड़ेंगे. इसलिए यह खर्चीला भी बहुत है. यही कारण है कि हमने इस घर को खिसकाना ही बेहतर समझा.”
अभी दो महीने का समय और लगेगा
सब कुछ पता करने के बाद सुखविंदर सिंह ने टेक्निकल एक्सपर्ट के रूप में मोहम्मद शाहिद की मदद ली. सुखविंदर सिंह ने बताया कि वह लकी था कि उन्हें संगरूर जिले के बक्शीवाला गांव में ही यह टेक्निकल एक्सपर्ट मिल गया. मोहम्मद शाहिद इस तरह के काम को तो करते थे लेकिन कभी किसी मकान को वे 500 फीट तक खिसकाया नहीं था. इसलिए यह बेहद चुनौतीपूर्ण काम था. मोहम्मद शाहिद ने अपने वर्करों के साथ मई से घर को खिसकाने का काम शुरू किया. अब तक कारीगरों ने मकान को करीब 200 फीट तक खिसका दिया है. अभी 300 फीट खिसकाने का काम बाकी है. इस घर को रोजाना करीब 10 फीट खिसकाया जा रहा है. हालांकि अभी इस घर को खिसकाने में दो महीने से ज्यादा का वक्त लग सकता है.
इस तरह हो रहा है काम
इस घर को खिसकाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मोहम्मद शाहिद अपने पिता के साथ काम करते हैं. उन्होंने कहा, “हम बिल्डिंग को लिफ्ट करने का काम करते हैं. हमने बिल्डिंग को कई फीट तक ऊपर उठाया है. लेकिन अब तक हमने 500 फीट किसी बिल्डिंग को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया था. हमने अब तक 10 से 15 फीट ही बिल्डिंग को शिफ्ट किया है. पहली बार यह काम कर रहे हैं तो यह मेरे लिए चुनौती है. इसको अब तक हमने 200 फीट से ज्यादा शिफ्ट कर दिया है और अब हमें यह काम करते हुए बहुत अच्छा लग रहा है. कह सकते हैं कि यह चलता फिरता घर है. एक दिन में यह घर 10 फीट आगे बढ़ता है. अब तक 2 महीने से ज्यादा का समय लग चुका है और 300 फीट आगे बढ़ाने के लिए अभी दो से ढाई महीने का समय और लग सकता है. यह काम बहुत ही सावधानी का है क्योंकि थोड़ी सी चूक से भारी नुकसान हो सकता है. इसके अलावा इसमें लेबर की भी बहुत जरूरत पड़ती है. इसलिए हम काम को बहुत धीरे-धीरे कर रहे हैं.”
इस पूरे काम में गाड़ी उठाने वाले कई जैक का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा रेल की पटरी का भी इस्तेमाल हो रहा है. इसके बाद वर्कर को एक कोड दिया जाता है जिसके सहारे इसे धीरे-धीरे खिसकाया जाता है. मोहम्मद शाहिद ने बताया कि इस तरह का पंजाब का यह पहला प्रोजेक्ट है.
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Tags: Social Media Viral, Viral videoFIRST PUBLISHED : August 21, 2022, 13:11 IST