नक्सलवाद के खिलाफ कठोर रुख अपनाने होंगे : जानें केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से ऐसा क्यों कहा
नक्सलवाद के खिलाफ कठोर रुख अपनाने होंगे : जानें केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से ऐसा क्यों कहा
सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में एसआईटी के गठन का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में अनुरोध किया गया है कि एसआईटी में छत्तीसगढ़ के बाहर के अधिकारियों को शामिल किया जाए. याचिका में बीजापुर जिले के एदेसमेता गांव में 17 मई, 2013 को हुए कथित जनरसंहार के लिए संयुक्त बल के सदस्यों के खिलाफ मामला चलाने का अनुरोध किया गया है, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय से कहा, ‘हम सभी को नक्सलवाद के प्रति कठोर रुख अपनाना होगा.’ याचिका में छत्तीसगढ़ के एक गांव में मई 2013 के दौरान हुए कथित नरसंहार की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने का अनुरोध किया गया है. हालांकि, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) इसकी पहले से जांच कर रहा है.
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार की ओर से कहा कि कुछ संगठन नक्सली घटनाओं वाले स्थान पर अपनी तथ्य-अन्वेषी टीम भेजते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की टीम पूर्व निर्धारित निष्कर्ष पर पहुंचती हैं, जिसमें सुरक्षा बलों में गलती बताई जाती है और फिर अदालत में याचिकाएं दायर की जाती हैं.
ये भी पढ़ें- नाबालिग से संबंध बनाना अपराध, मुस्लिम विवाह पॉक्सो कानून के दायरे से बाहर नहीं: केरल हाईकोर्ट
पीठ इस संबंध में एसआईटी के गठन का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में अनुरोध किया गया है कि एसआईटी में छत्तीसगढ़ के बाहर के अधिकारियों को शामिल किया जाए. याचिका में बीजापुर जिले के एदेसमेता गांव में 17 मई, 2013 को हुए कथित जनरसंहार के लिए संयुक्त बल के सदस्यों के खिलाफ मामला चलाने का अनुरोध किया गया है, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी|
Tags: Central govt, Naxal terror, Supreme Court, Tushar mehtaFIRST PUBLISHED : November 22, 2022, 00:12 IST