उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में होटल मालिकों की बढ़ी मुश्किलें लगाना पड़ेगा सीवर ट्रीटमेंट प्लांट जानें वजह

Pithoragarh News: सीवर के नदियों-नालों में डाले जाने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए उत्तराखंड में होटल संचालन के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट होने का नियम बनाया गया है. हालांकि पिथौरागढ़ के होटल कारोबारियों इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. वहीं, नियम वापस नहीं लिए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में होटल मालिकों की बढ़ी मुश्किलें लगाना पड़ेगा सीवर ट्रीटमेंट प्लांट जानें वजह
रिपोर्ट- हिमांशु जोशी पिथौरागढ़. उत्तराखंड में जीवनदायिनी नदियों और जल धाराओं को दूषित होने से बचाने के लिए सजग अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत कुछ फैसले भी लिए गए हैं. अब उत्तराखंड में होटल संचालन के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट होना जरूरी है. अब वही लोग होटल का संचालन कर पाएंगे, जिनके पास सीवर का निस्तारण करने के साधन होंगे. प्रदेश गंगा समिति ने यह फरमान जारी किया है, जिसके दायरे में सूबे के 20 कमरों से ऊपर के होटल आएंगे, जिनकी सूची भी तैयार की जा चुकी है. यही नहीं, सीवर प्लांट न होने पर कार्रवाई की भी तैयारियां चल रही है. इसके अंतर्गत उन होटलों को इसमें छूट मिलेगी, जो पहले से सीवर लाइन से कनेक्ट हैं. जबकि पिथौरागढ़ के होटल कारोबारियों ने इस फैसले का विरोध किया है. सीवर के नदियों-नालों में डाले जाने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. प्रदेश भर के 1100 से अधिक होटल की लिस्ट जारी की जा चुकी है. पिथौरागढ़ जिले की बात करें, तो नगरपालिका के ईओ दीपक गोस्वामी ने बताया कि गंगा समिति की बैठक में लिए गए फैसले के बाद पिथौरागढ़ के ऐसे होटल स्वामियों को नोटिस दिया जा चुका है, जिनके पास सीवर निस्तारण का कोई विकल्प नहीं है. होटल कारोबारियों की बढ़ी परेशानी प्रदेश की गंगा समिति के लिए गए फैसले के बाद प्रदेश के होटल कारोबारियों की परेशानियां बढ़ गई हैं. सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को लगाने में 20 लाख तक का खर्च आ रहा है, जो होटल स्वामियों ने स्वयं वहन करना है. शहरों के ज्यादातर होटल सीवर लाइन से जुड़े हैं, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों के सीवर की व्यवस्था न होने से यहां होटल कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस फैसले का ज्यादा असर पर्वतीय इलाकों के होटल मालिकों पर पड़ रहा है. पिथौरागढ़ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र भट्ट ने कहा कि जिले के होटल कारोबारी कोरोना के नुकसान से ही नहीं उभर पाए हैं, ऐसे में यह फैसला उनके हित में नहीं है. यह फैसला जल्द वापस लिया जाना चाहिए. ऐसा न होने पर वह आंदोलन की राह पकड़ेंगे. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Hotel, Pithoragarh hindi newsFIRST PUBLISHED : July 14, 2022, 13:54 IST